Children's Day Special: कैसे बनाएं बच्चों को उनकी ही दुनिया में खुश
अक्सर बड़े सोचते हैं कि बच्चों की दुनिया बड़ों की दुनिया से अलग नहीं होती हैं। लेकिन उनकी दुनिया खास और खूबसूरत होती हैं क्योंकि वे मासूमियत को खुद में समेटे रखते हैं।
अक्सर बड़े सोचते हैं कि बच्चों की दुनिया बड़ों की दुनिया से अलग नहीं होती हैं। लेकिन उनकी दुनिया खास और खूबसूरत होती हैं क्योंकि वे मासूमियत को खुद में समेटे रखते हैं।
माता-पिता की चिंता जायज होती हैं, लेकिन उसे बच्चे की growth और development पर असर न पड़ने दे ।
बच्चों के सपने भले सुनने में बड़े और सप्राइज़िंग लगते हैं, लेकिन होते हैं क्रिएटिव । उनकी क्रीऐटिवटी को रोको न। उसे अपना आसमान चुनने दीजिए।
रंगों से बच्चों का विशेष लगाव होता हैं। हर रंग उनके जीवन की यात्रा और पहलू बताता हैं। तो जेन्डर डिस्क्रिमनैशन के नाम पर रंग न बाँटे।
बच्चों की मस्ती किसी भी पल नहीं रुकनी चाहिए। पेरेंट्स होने के नाते आपकी जिम्मेदारी सिर्फ उनकी सैफ्टी और सिक्युरिटी तक नहीं उनके मन को भी प्रफुल्लित रखने की होती हैं। बस उन्हें उड़ने दो।
बच्चों को रंगों चाहे वे ब्रश से हो या पेंसिल से खेलना बहुत पसंद होता हैं। उनका रुझान इसकी तरफ ले जाएं और उन्हें कागज पर मन को रागने को कहे। यह भी एक थेरपी होती हैं।
बच्चों को खेलने देना और आसमान में उड़ने देना भी पेरेंट्स की जिम्मेदारी होती हैं। बच्चों को रुकना नहीं उछलना,कूदना और आसमान में उड़न सिखाएं।
प्रकति को समझना और उसे सजोए रखना भी बच्चों को आना चाहिए। प्रकर्ति ही असली जननी हैं और उसे भविष्य के लिए बचना सबका कर्तव्य हैं।
पेरेंट्स बच्चों को हर वो प्रयास करें कि उनकी क्रीऐटिवटी और आजादी को और पंख लगे न कि रुके।
बच्चों के साथ भी पेरेंट्स अपने बचपन को जीएं और उन्हें अपने बचपन के खूबसूरत पालो से भी रूबरू करवाएं। बच्चों की जिंदगी उतनी ही खूबसूरत हो जितना खुला रंगबिरंगा आसमान।