बच्चों के लिए पढ़ाई के साथ-साथ खेल-कूद क्यों जरूरी
बेहतर इंसान बनने के लिए पढ़ाई भी जरुरी है बच्चे लेकिन इसके साथ ही बच्चे को खेलकूद के लिए समय भी जरूर देना चाहिए। चलिए जानते हैं कि पढ़ाई के साथ खेलकूद क्यों जरूरी है
बेहतर इंसान बनने के लिए पढ़ाई भी जरुरी है बच्चे लेकिन इसके साथ ही बच्चे को खेलकूद के लिए समय भी जरूर देना चाहिए। चलिए जानते हैं कि पढ़ाई के साथ खेलकूद क्यों जरूरी है
पढ़ाई के साथ खेल-कूद इसलिए भी जरूरी है क्योंकि माइंड और बॉडी दोनों आराम मांगते हैं।
लंबे समय तक पढ़ाई करने से बच्चे को स्ट्रेस हो जाता है। इसलिए खेल-कूद भी जरूरी है ताकि बच्चा स्ट्रेस का शिकार न हो।
खेल-कूद का पढ़ाई के ऊपर भी पॉजिटिव असर पड़ सकता है क्योंकि इससे बच्चों की एकाग्रता बढ़ती है और ध्यान भी लगता है।
जब बच्चा पढ़ाई के साथ खेलता भी है तब उसे टाइम मैनेजमेंट भी सीखने को मिलता है कि कैसे हम अपने जीवन में एक से ज्यादा चीजों को साथ लेकर चल सकते हैं।
खेल के जरिए बच्चों के दिमाग मेंआईडिया आते हैं जिससे बच्चे की क्रिएटिविटी बढ़ती है और उसकी सोच खुलती है।
पढ़ाई के साथ-साथ जब बच्चा खेल-कूद भी करता है तो उसके पास करियर के अनलिमिटेड ऑप्शंस आ जाते हैं। बच्चा सिर्फ पढ़ाई पर निर्भर नहीं रहता है।
खेल-कूद में भाग लेने से बच्चों में सहयोग, संचार, और सामाजिक बातचीत जैसे स्किल डेवलप होते हैं। ये स्किल क्लास के बाहर और अंदर दोनों जगहों पर काम आते हैं।
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