पांच भारतीय महिलाएं हमें सड़क पर गाड़ी चलाने के अनुभवों के विषय में बताती हैं
सड़क पर महिला होना कोई आसान काम नही है. इसकी वजह बहुत अधिक ट्रैफिक या ड्राइविंग में आने वाली मुश्किल नही है बल्कि वह सोच है जिसमें महिला को एक अलग नज़र से देखा जाता है.
लोग अक्सर कहते हैं कि ‘महिलाओं को नहीं पता कि कैसे ड्राइव करें’, लेकिन शोध ने साबित कर दिया है कि पुरुषों की तुलना में महिला अधिक सुरक्षित चालक हैं. इसके बावजूद, जैसे ही लोग ड्राइविंग व्हील के पीछे एक महिला को देखते हैं, वे अपनी सोच को एक पल भी रुके बिना बता देते है कि वह महिलाओं के बारे में क्या सोचता है.
SheThePeople.Tv ने कुछ महिलाओं से बात की आख़िर उस वक़्त क्या होता है जब वह सड़क पर होती हैं.
20 वर्षीय आस्था गुप्ता, जो जर्नलिज्म पढ़ रही हैं – वह कहती है, “जब मैं सड़क पर होती हूं तो मैं पुरुष का आधिपत्य सबसे बड़े रुप में देखती हूं. पुरुष स्कूटर या बाइक जैसे वाहनों पर चलने का लाभ उठाते हैं और आप पर टिप्पणियां फौरन करते है. उनकी नज़र आप पर तब तक होती है जब तक की आप के रास्ते अलग नही हो जाते है. साथ ही जब आप एक पुरुष चालक को टेक ओवर करने से रोकते है तब आप देख सकते है कि वह किस तरह से आप पर नज़र डालते है.”
“कभी-कभी पुरुष के ईगो को अपने स्टीयरिंग व्हील के सामने टूटता देखना बहुत आनंद देता है. जबकि बाक़ी समय वह सिर्फ चिढ़ पैदा करता है.” – श्रेया बंसल
कमला नेहरू कॉलेज की छात्रा दिशा शर्मा कहती हैं, “मुझे तब बहुत गुस्सा आता है जब कोई आदमी वास्तव में बहुत धीमी गति से गाड़ी चला रहा हो लेकिन जैसे ही आप उसे ओवर टेक करती है आश्चर्यजनक रूप से उसकी स्पीड दस गुना बढ़ जाएगी. यह पुरुषों की श्रेष्ठता की झूठी भावना को बढ़ावा देने और किसी काम न आने वाले उस अहंकार की रक्षा करने का शानदार तरीका है. ”
44 वर्षीय गृहणी पूजा बंसल कहती हैं, “एक औरत के रूप में, मैं सभी पुरुषों से भली भाती परिचित हूँ और महिलाओं से भी जो मुझे घूर रही है यह बताने की कोशिश कर रही है कि एक कार (” एक लड़कों का खिलौना “) मेरे(एक औरत) लिये नही है. कयामत आ जाती है अगर मैं किसी मर्द को ओवर टेक करने या हार्न बजा देती हूं. वह तब तक मुझे घूरता रहेगा जब तक मैं उसकी नज़र से ओझल न हो जाउं, भले ही इसका मतलब सड़क पर ध्यान न देकर अपनी ख़ुद की सुरक्षा को ख़तरे में डालना हो. वो अपनी आंखें आपके ऊपर घुमाएंगे और आप उनके मुंह से “हुह” भी सुन सकते हैं.”
शोध ने साबित कर दिया है कि पुरुषों की तुलना में महिला अधिक सुरक्षित चालक हैं
माता सुंदरी कॉलेज की छात्रा अर्शप्रीत जुनेजा कहती हैं, “मैं उन लोगों को जानती हूं जो कहते हैं,” यह गाड़ी इतनी धीमी क्यों चल रही है? कौन गाड़ी चला रहा है क्या एक लड़की चला रही है? “मेरा मतलब है कि यह बात क्या प्रासंगिक है? और यदि आप एक अच्छी ड्राइवर हैं, तो वे कहते हैं, “ओह, आप एक आदमी की तरह ड्राइव करती हैं. ” नहीं, मुझे खेद है, मैं एक आदमी की तरह ड्राइव नहीं करती हूं. मैं अपने जैसे ड्राइव करती हूं और मैं जिम्मेदारी से ड्राइव करती हूं. “एक आदमी की तरह ड्राइव करें” एक अच्छे चालक का पर्याय नहीं होना चाहिए और नहीं हो सकता है.”
20 साल की श्रेया बंसल कहती हैं, “कभी-कभी पुरुष के ईगो को अपने स्टीयरिंग व्हील के सामने टूटता देखना बहुत आनंद देता है. जबकि बाक़ी समय वह सिर्फ चिढ़ पैदा करता है. हम ठीक से गाड़ी चला रही हैं, शायद आपको ही अपनी आक्रामक मर्दाना ताक़त को घर पर रखना चाहिये और हमारे ड्राइविंग से ही कुछ बातें सीखनी चाहिये.”
अब समय आ गया है कि लोग ड्राइव करने वाली महिलाओं को अलग नज़र से देखना छोड़ दे! मर्द महिलाओं के गाड़ी चलाने को अपने लिये एक भयानक अनुभव मानने के बजाय वह उसे अपने लिए अधिक आरामदायक बनाने की कोशिश करें. आप क्यो सोचते है? अपनी सोच हमें बतायें.