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आखिर क्यों माता-पिता को बेटी की शिक्षा में उनकी शादी से ज्यादा निवेश करना चाहिए?

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Swati Bundela
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स्कूल खत्म होने के बाद मैंने कई कॉलेज और कई कोर्स की खोज करी. इत्तेफाक से मैंने एक कॉलेज में किसी कोर्स की पूरी फीस करीब एक करोड़ रुपए थी. वह देखकर मेरी माता ने मुझे हंसते हुए कहा, " यह एक करोड़ मैं तेरी पढ़ाई की जगह शादी में ना खर्च करूं?" इस बात पर मुझे गुस्सा आया और मेरी उनसे बहस हो गई. जब गुस्सा ठंडा हुआ, तब मैंने सोचा कि आखिर उन्होंने ऐसा कहा ही क्यों? फिर लगा के ऐसे कितनी ही बेटियों के माता-पिता होंगे जिनके पास बेटी की शिक्षा को उसकी शादी से ऊपर रखने की कोई वजह ही ना मिली होगी. आज भी ऐसे कई कारण है जिनकी वजह से लड़कियों की शिक्षा को प्रधानता नहीं मिल पाती है, इसलिए मैं यहां आप लोगों के लिए कुछ ऐसे कारण लायी हूँ जिसके लिए लड़कियों की शिक्षा को प्राथमिकता मिलनी चाहिए :-

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1. उन्हें उनके अधिकारों से जागरूक कराना



ऐसे तो हमारी सरकार ने हमारे विकास के लिए कई अधिकार हमारे लिए बनाए हैं, खासतौर से महिलाओं के लिए. परंतु अपना जीवन बेहतर करने के लिए हर व्यक्ति को पहले उन अधिकारों को जानना होगा जिसके लिए शिक्षा आवश्यक है. एक महिला शिक्षित होंगे तो वह अपने अधिकारों के बारे में आसानी से जान सकती है और उन अधिकारों को अपने जीवन में इस्तेमाल करने के तरीके भी.

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2. बेहतर परिवार नियोजना



UNICEF के अनुसार लड़कियां जो उच्च शिक्षा प्राप्त करती हैं वह 92% कम बाल विवाह का शिकार बनती है. शिक्षित महिलाएं अपने परिवार को नियोजित रखने में सक्षम होती है और माता - बच्चे की सेहत का महत्व समझती है. नतीजा, वह माता-बच्चे के मृत्यु के अनुपात को कम करने की पूरी कोशिश में जन्मपूर्व बच्चे का ध्यान रखती, टीका लगाती, पोषित खाना खिलाती है. साथ ही ज़रुरत पड़ने पर वह समय पर सही मेडिकल उपचार भी करवाने में सक्षम होती है.

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3. देश के आर्थिक विकास में सहायक



सेंटर ऑफ ग्लोबल डेवलपमेंट के अनुसार उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली लड़कियां सालाना वर्तमान से 10%- 20% ज्यादा कमाती है. विकासशील देशों में शिक्षित महिला लड़कों से सालाना करीब 14% ज्यादा कमा सकती है और अपने देश को आर्थिक तौर से मजबूत करने में सहायक बनती हैं. साथ ही अपनी कमाई की बचत कर अपनी जिंदगी आर्थिक तौर से बेहतर करने में सक्षम होती है.

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4. लिंग भेदभाव को कम करने में सहायक



कई बार एक औरत की जिंदगी में ऐसे मौके आते हैं जब उन्हें समझ ही नहीं आता कि उनके साथ कुछ गलत हो रहा है और अगर महसूस भी करें तो सोचती ही रह जाती है कि उसे किसे और कैसे बयां कर सके. इस कारण कितनी ही बार महिलाएं यह ही नहीं जान पाती कि मानव तस्करी, जबरदस्ती वेश्यावृति, घरेलू हिंसा, कन्या भ्रूण हत्या जैसे अपराधों को कहां और कैसे दर्ज करा कर अपने लिए न्याय पा सके. शिक्षा महिलाओं को आप बीटी को शब्दों में बयां करने और न्याय पाने का प्रमुख साधन बनता है.

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5. आत्मनिर्भर बनने की सीढ़ी



शिक्षा जागरूकता फैलाने का महत्वपूर्ण साधन है. एक शिक्षित महिला हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की क्षमता रखती है और बाकी महिलाओं का सहारा बनती है. वह समाज की नारी-द्वेषी सोच को भांपकर उसका तिरस्कार करती है. शिक्षा के द्वारा वह अपने मानव अधिकारों तथा अन्य अधिकारों को समझने और उनका इस्तेमाल करके अपने जीवन को बेहतर करने में सक्षम होती है. शिक्षा आर्थिक रूप से ही नहीं बल्कि शारीरिक तथा मानसिक रूप से भी नारी को मजबूत करती है.



जिन माताओं को शिक्षा प्राप्त करने का मौका नहीं मिला वह जानती है कि "शिक्षा" दुनिया की हर बेटी के विकास का सबसे बड़ा साधन है. शिक्षा हर व्यक्ति को स्वयं निर्णय लेने में और सही-गलत सोचने के लिए सक्षम बनाती है. शिक्षा महिलाओं को अपने पैरों पर खड़े होने और देशों में अपनी पहचान बनाने मैं मदद करती है.
पेरेंटिंग
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