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संगीता बागुल ने २००६ में पुणे में लोहागांव में रूचि फूड् प्रोडक्ट्स की स्थापना की. वह इसके द्वारा फ़ूड इंडस्ट्री में कुछ बदलाव लाना चाहती थी. वह कहती हैं कि रूचि फूड्स के प्रोडक्ट्स की क्वालिटी बहुत अच्छी है और इन्हें खाने के कई लाभ हैं जो लोगों को स्वस्थ रखते हैं. "हमारे उत्पाद रेंज में, हम करेला अचार, अंकुरित मेथी अचार, साबुत नींबू अचार, मीठा नींबू अचार, ग्राउंड नट चटनी जैसे उत्पादों की पेशकश करते हैं। इसके अलावा, हम फ्लैक्स सीड , करेला चटनी, नारियल लहसुन चटनी, उपवास भजनी इंस्टेंट मिक्स और रागी माल्ट इंस्टेंट मिक्स भी पेश करते हैं।", उन्होंने बताया.
वह कहती हैं कि इसे खाने के बाद लोगों को जोड़ों के दर्द, डायबिटीज आदि से भी छुटकारा मिलेगा. "हमारे प्रोडक्ट्स बिग बाजार, आदित्य बिरला, डोराबजी, ऑनलाइन बिग बास्केट, अमेज़ॉन, रिलायंस और अन्य मॉल में उपलब्ध हैं. हमारे प्रोडक्ट्स ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं."
उन्होंने यह भी बताया कि जब २००१ में भुज में भूकंप आया तो वह वहीँ पर थी. उन्होंने वह हुए विनाश को बहुत नज़दीक से देखा हैं. वह इस आपदा को अपने जीवन का टर्निंग पॉइंट बताती हैं क्यूंकि उन्हें उस समय इस बात का ज्ञात हुआ कि वर्तमान में जीना कितना ज़रूरी हैं. इसके पश्चात, वह लोगों के लिए कुछ करना चाहती थी और रूचि फूड् को शुरू करने में यह सीख उनकी प्रेरणा बनी.
उन्होंने रूचि फूड् शुरू करने से पहले कि मुश्किलों के विषय में बात करते हुए कहा कि कुछ भी शुरू करने के लिए आवश्यक हैं कि हम संयम रखें. " ज़रूरी नहीं हैं कि किसी और का यूनिट चल रहा हैं तो आपका भी चलेगा. यह भी ज़रूरी नहीं कि यदि किसी और का नहीं चल रहा तो आपका भी नहीं चलेगा. आपको मार्किट को ठीक से समझना होगा और फिर काम करना होगा. शुरुआत में आपको होने वाला खर्चा ही दिखता है और लोगों को बताने में भी समय लगता है कि आप क्या काम कर रहे हैं और इससे उन्हें क्या लाभ होगा. अपना व्यवसाय स्थापित करने में समय लगता है परन्तु उसका फल मीठा होता हैं"
हम संगीता जैसी उद्यमियों और उनके जज़्बे की सराहना करते हैं.
वह कहती हैं कि इसे खाने के बाद लोगों को जोड़ों के दर्द, डायबिटीज आदि से भी छुटकारा मिलेगा. "हमारे प्रोडक्ट्स बिग बाजार, आदित्य बिरला, डोराबजी, ऑनलाइन बिग बास्केट, अमेज़ॉन, रिलायंस और अन्य मॉल में उपलब्ध हैं. हमारे प्रोडक्ट्स ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं."
उन्होंने यह भी बताया कि जब २००१ में भुज में भूकंप आया तो वह वहीँ पर थी. उन्होंने वह हुए विनाश को बहुत नज़दीक से देखा हैं. वह इस आपदा को अपने जीवन का टर्निंग पॉइंट बताती हैं क्यूंकि उन्हें उस समय इस बात का ज्ञात हुआ कि वर्तमान में जीना कितना ज़रूरी हैं. इसके पश्चात, वह लोगों के लिए कुछ करना चाहती थी और रूचि फूड् को शुरू करने में यह सीख उनकी प्रेरणा बनी.
उन्होंने रूचि फूड् शुरू करने से पहले कि मुश्किलों के विषय में बात करते हुए कहा कि कुछ भी शुरू करने के लिए आवश्यक हैं कि हम संयम रखें. " ज़रूरी नहीं हैं कि किसी और का यूनिट चल रहा हैं तो आपका भी चलेगा. यह भी ज़रूरी नहीं कि यदि किसी और का नहीं चल रहा तो आपका भी नहीं चलेगा. आपको मार्किट को ठीक से समझना होगा और फिर काम करना होगा. शुरुआत में आपको होने वाला खर्चा ही दिखता है और लोगों को बताने में भी समय लगता है कि आप क्या काम कर रहे हैं और इससे उन्हें क्या लाभ होगा. अपना व्यवसाय स्थापित करने में समय लगता है परन्तु उसका फल मीठा होता हैं"
हम संगीता जैसी उद्यमियों और उनके जज़्बे की सराहना करते हैं.