Advertisment

जानें एशियाई खेलों में भाग ले रही धावक पीयू चित्रा

author-image
Swati Bundela
New Update
जकार्ता एशियाई खेल चल रहे है और भारतीय खिलाड़ी पीयू
Advertisment
चित्रा स्प्रिंट पदक जीतने के लिए तैयार है. वह 11 ट्रैक और फील्ड एथलीटों में से हैं जिन्हें एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा चुना गया है. केरल के पलक्कड़ जिले की यह लड़की कड़ी मेहनत के साथ यहां पहुंची है. वह वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाली भारत की शीर्ष पदक संभावनाओं में से एक है. आइयें 'क्वीन आफ एशिया इन द माइल' के बारे में कुछ बातें जानें.

कैसे दौड़ में आयी

Advertisment


आप सभी सोचेंगे कि छोटे गांव की यह धावक ने 'क्वीन आफ एशिया इन द माइल' का टैग कैसे अर्जित किया. स्कूल में एक स्टार कलाकार होने के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर देश की गोल्डन गर्ल बनने तक का सफर मुश्किल जरुर था लेकिन नामुमकिन नही था.



वह चार बच्चों में तीसरी बेटी है. उनके माता-पिता - उन्नीकृष्ण और वसंत कुमारी - दैनिक वेतन भोगी है, जो अपने गुज़र बसर के लिये संघर्ष कर रहे हैं.
Advertisment


चित्रा, पिछले 10 सालों से केरल सरकार के पुरस्कार विजेता शारीरिक शिक्षा के शिक्षक सिजिन से प्रशिक्षण ले रही है.  यूपी और केरल सरकारों ने स्कूल खेलकूद प्रतियोगिता में उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए उन्हें नैनो कारों से सम्मानित किया. कमजोर दिखने वाले 23 वर्षीय इस खिलाड़ी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर में बहुत प्रभावशाली परिणाम दियें है.



चित्रा वर्तमान में वीटीबी कॉलेज, श्रीकृष्णपुरम में पढ़ रही हैं  और अपने परिवार की मदद करने के लिए नौकरी करना चाहती हैं. पिछले साल, वह चेन्नई में केंद्रीय उत्पाद शुल्क की तरफ से ट्रायल के लिये आयी थी.
Advertisment


करियर के मुख्य अंश



Advertisment


  • पिछले साल जुलाई में, इस धावक ने भुवनेश्वर में एशियाई एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में भारत की मेडल टेली में एक स्वर्ण पदक जोड़ा. चित्रा ने अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ से 7 सेकंड से कम समय में पूरा किया और आने वाली विश्व चैंपियनशिप (महिलाओं के 1500 मीटर में) के लिए अपना दावा पक्का कर लिया. इस अविश्वसनीय प्रदर्शन के बाद उन्हें 'क्वीन आफ एशिया इन द माइल'  का टैग मिला. 1,500 मीटर की दौड़ में उनके स्वर्ण विजेता प्रदर्शन का फुटेज व्यापक रूप से मीडिया में प्रसारित हुआ.


  • चित्रा, विश्व चैंपियनशिप में ओपी जयशा और प्रजा श्रीधरन के बाद, 1500 मीटर में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली केरल की तीसरी खिलाड़ी है.


  • चोट के कारण 2011 में चित्रा का करियर लगभग समाप्त होने की कगार पर पहुंच गया था लेकिन उसे रोक नही पाया. अब भी




मजबूती से आगे बढ़ रही है

Advertisment




  • 2017 में परेशानियों का सामने करने के बावजूद वह पूरे सीज़न में अच्छा प्रदर्शन करती रही. 1,500 मीटर की नेशनल मीट में  उनका जलवा हर तरफ था. उन्होंने पिछले साल जून में पटियाला में आयोजित फेडरेशन कप सीनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में उन्होंने गोल्ड जीता.


  • गुंडूर में आयोजित राष्ट्रीय सीनियर एथलेटिक्स मीट में रजत से संतोष के बाद, सितंबर में तुर्कमेनिस्तान के अशगबत में 5वें एशियाई इंडोर और मार्शल आर्ट गेम्स में उन्होंने वापसी करते हुये वापस स्वर्ण पदक जीता.


  •  नवंबर में कालीकट यूनिवर्सिटी में आयोजित अपनी पसंदीदा एथलेटिक मीट में उन्होंने 17 साल पुराने रिकार्ड को तोड़ दिया. अखिल भारतीय इंटर-यूनिवर्सिटी चैम्पियनशिप में भी  वह गोल्ड जीतने में कामयाब रही. चित्रा ने दो हफ्ते पहले जकार्ता में आयोजित इनविटेशन एथलेटिक्स मीट में अपने स्वर्ण पदक की तलाश जारी रखी, यह इंडोनेशिया में एशियाई खेलों के लिए एक टेस्ट इवेंट था.




हालांकि, यह निराश करने वाली बात थी जब  पिछले साल लंदन में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारतीय टीम से उन्हें हटा दिया गया था.
Advertisment




हम चित्रा को शुभकामनाएं देते हैं!



 
Advertisment