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ट्रांसजेंडर महिलाएं जिन्होंने अपने क्षेत्र में सफलता प्राप्त की है

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Swati Bundela
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पिछले पांच वर्षों में हमने कुछ ट्रांसजेंडर महिलाओं को सामाजिक प्रतिबंधों को तोड़ते, अपनी आवाज़  को बुलंद करते और खुद को सशक्त बनाते हुये देखा है. ख़ुद को शिक्षित करने से लेकर अपना मुक़ाम बनाने तक इन पांच महिलाओं और उनकी उपलब्धियां बताती है कि ट्रांसजेंडर समुदाय समाज का अब हिस्सा बनते जा रहे है.

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बिशेश हुयरेम



Miss International Beauty Queen’
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मणिपुर के बिशेश हुयरेम ने 2016 में इतिहास लिखा. वह थाईलैंड के पट्टाया में 'मिस इंटरनेशनल ब्यूटी क्वीन' प्रतियोगिता में भाग लेने वाली पहली भारतीय ट्रांसजेंडर महिला बन गईं. यह दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे प्रतिष्ठित सौंदर्य प्रतियोगिता है जिसमें ट्रांसजेंडर महिलाओं को रैंप पर चलने के लिए चुना जाता है और अपनी प्रतिभा को विश्व स्तर पर पेश करने का मौका दिया जाता है.

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अक्कई पद्माशली



Home loan trangender activist
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एक्टिविस्ट अक्कई पद्माशली एनजीओ 'ओन्डेडे' की सह-संस्थापक है. यह महिलाओं, बच्चों और  अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए काम करती है उन्हें 2016 में मानद डॉक्टरेट से सम्मानित किया गया था. उन्हें यह बात विशेष इसलिये बनाती है कि वह देश की पहली ट्रांसजेंडर महिला है जिन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ है.

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बेंगलुरू से रहने वाले अक्कई, इस समुदाय के लिये एक मजबूत आवाज उठा रही है. वर्षों से वह लिंग पूर्वाग्रह के खिलाफ अपनी लड़ाई को लड़ते हुये प्रेरणा बनी है. इंडियन वर्चुअल यूनिवासिर्टी फॉर पीस एंड एज़ुकेशन ने उन्हें डॉक्टरेट से सम्मानित किया है.

सथ्यश्री शर्मिला

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Sathyasri Sharmila

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सथ्यश्री शर्मिला(36) जो तमिलनाडु के रामानाथापुरम जिले की है वह देश की पहली ट्रांसजेंडर वकील थी. वह तमिलनाडु और पुडुचेरी की बार काउंसिल के लिये भी नामांकित हुई. वह उम्मीद करती है कि देश में मौजूद उनके समुदाय के अधिकतर लोग उच्च पदों पर काम कर सकते हैं.

अत्री कर



Bengal's Atri Kar, First Transgender



अत्री कर, संघ लोक लोक आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने वाली बंगाल की पहली ट्रांसजेंडर व्यक्ति बनी. ऐसा करने से पहले 28 साल की अत्री को दो साल की कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी. हालांकि, 2014 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने ट्रांसजेंडर लोगों को 'अन्य' श्रेणी के तहत शिक्षा और रोजगार के लिए आवेदन करने के लिए रास्ता खोल दिया, लेकिन इस नीति को हर जगह लागू नहीं किया गया.

गंगा कुमारी



Ganga Kumari becomes first to be appointed in Rajasthan police



24 वर्षीय ट्रांसजेंडर गंगा कुमारी, राजस्थान पुलिस फोर्स में शामिल होने वाली पहली व्यक्ति बन गई जो इस समुदाय से आती है. राजस्थान के जालौर जिले से रहने वाले गंगा राजस्थान की पहली और भारत की तीसरे ट्रांसजेंडर है जो राज्य पुलिस बल में शामिल हुई.



राज्य पुलिस बल का हिस्सा बनने से पहले, गंगा ने एक लंबी लड़ाई लड़ी. दो साल के कानूनी संघर्ष के बाद, राजस्थान उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका सुनी. न्यायालय ने उन्हें छह सप्ताह  में राज्य पुलिस बल में शामिल करने का आदेश दिया.
अत्री कर बिशेश हुयरेम. सथ्यश्री शर्मिला
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