छत्तरपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, मुंबई में 20 लोगों एक टीम में 44 वर्षीय सुषमा होंदेकर अकेली महिला एनाउंसर हैं। वह पिछले 12 वर्षों से एक दिन में 200 घोषणाएं कर रही हैं।
आइये उनके बारे में कुछ और जानते हैं :
इस साल, सुषमा केंद्रीय रेलवे में 25 साल की सेवा पूरी कर रही हैं। और 12 साल से, वह इस व्यस्त सीएसटी स्टेशन पर लाखों यात्रियों का मार्गदर्शन कर रही हैं।हालांकि उन्होंने कानून की पढ़ाई की है, सुषमा ने केवल अपनी संतुष्टि के कारण रेलवे के लिए काम करना पसंद किया।
इंडिया टाइम्स के साथ एक इंटरव्यू में, वह कहती हैं, "मैंने कभी फैसला नहीं किया था कि यह मेरा पेशा होगा। लेकिन मुझे लगता है कि भगवान मुझे यह रास्ता दिखाने के लिए दयालु हैं।"
कण्ट्रोल ऑफिस में सुषमा की महत्वपूर्ण भूमिका है। कभी कभी वह ओवरटाइम भी करती हैं तांकि सारा काम उचित तरीके से हो जाए।
एक एनाउंसर 24*7 काम करता है :
उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके पास शहर में कठिन समय के दौरान घर पर रहने की लक्जरी नहीं है। 26/11 के हमलों के दौरान, उनकी डबल ड्यूटी थी। हालांकि, एक और सहयोगी ने उनकी मदद की थी जिसके कारण उनका दिन जल्दी समाप्त हो गया।
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कोई छुट्टियां नहीं :
अगर सर्विसेज में कोई कमी रह जाती है, तो सुषमा को ही ऑफिस जाना पड़ता है क्योकि वहां एक सीनियर की जरुरत होती है। ऐसे माहौल में उन्हें कोई गारंटीड छुट्टियां नहीं मिलतीं।
"एक ट्रेन इगतपुरी के पास डीरेल कर गई थी जिसमें कुछ साल पहले सेवाओं की कमी थी। यह मेरी छुट्टी थी। तो मुझे कण्ट्रोल रूम से एक कॉल आया कि उन्हें मेरी जरुरत है क्योंकि उन्हें किसी सीनियर की जरुरत थी। मैंने दादर स्टेशन पर अपने दोस्तों को पुराण पोलिस दी जो मैंने पिकनिक के लिए तैयार की थी व् मैं काम के लिए निकल गई, "उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया।
काम चुनौतियों से भरा है :
उनकी नौकरी आत्म-सम्मान व् सेल्फ-कण्ट्रोल की अधिक मांग करती है। यह डेस्क नौकरी जैसा नहीं है। एक कलाकार या गायक की तरह, सुषमा कभी-कभी कई खाने की चीज़ों से परहेज करती हैं तांकि उनका गाला खराब न हो।
घोषणा करना आसान नहीं है। इसमें बहुत मेहनत लगती हैं। खासकर मुंबई जैसे किसी स्थान पर, एनाउंसर की भूमिका और भी चैलेनजिंग है। हम सुषमा की इस शानदार भूमिका के लिए उनकी सराहना करते हैं!
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