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झुलन गोस्वामी की गिनती देश की सबसे बेहतरीन महिला खिलाड़ियों में होती है. अगर महिलाओं के लिये 'हॉल ऑफ फेम' होता तो वह झुलन गोस्वामी को ही दिया जा सकता था. झुलन का नाम सबसे तेज़ महिला गेंदबाजों के तौर पर लिया जाता है.
हाल ही में झुलन गोस्वामी 300 अंतराष्ट्रीय विकेट लेने वाली पहली महिला खिलाड़ी बन गई. उन्होंने यह करनामा श्रीलंका के खिलाफ गाले में वनडे क्रिकेट मैच में कर दिखाया.
गोस्वामी, 35 ने अपने करियर की शुरुआत जनवरी 2002 में की थी. उसके बाद से उन्होंने अब तक क्रिकेट के तीनों फारमेंट में 301 विकेट हासिल कर लिये है. उन्होंने 10 टेस्टों में 40 विकेट, 170 वन डे मैचों में 205 विकेट और 68 Twenty20 इंटरेनशनल मैचों में 56 विकेट लिये. उन्होंने हाल ही में T20Is से रिटायरमेंट की घोषणा कर दी है.
उन्हें 2006 में इंग्लैंड के दौरे से पहले राष्ट्रीय टीम की उप कप्तान के तौर पर भेजा गया था. वहां उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ न सिर्फ पहली जीत दर्ज करवाई बल्कि भारत को टेस्ट श्रृंखला जीतने में भी मदद की. इस तरह की उपलब्धियों ने उन्हें सीरीज का प्लेयर बनाया.
गोस्वामी ने 2002 में टाउनटन में इंग्लैंड के खिलाफ 214 रनों के रिकॉर्ड के बड़े हिस्से में मिताली के साथ साझेदारी की. 2015 में वह उन चार वरिष्ठ खिलाड़ियों में शामिल थी जिन्हें पहली बार बीसीसीआई ने अनुबंध करके उच्चतम ग्रेड दिया था. झुलन का नाम बोलिंग के साथ ही बैंटिग में भी लिया जाता है.
हाल ही में झुलन गोस्वामी 300 अंतराष्ट्रीय विकेट लेने वाली पहली महिला खिलाड़ी बन गई. उन्होंने यह करनामा श्रीलंका के खिलाफ गाले में वनडे क्रिकेट मैच में कर दिखाया.
उन्होंने अपने इस मैच के बाद पत्रकारों को बताया, “मैंने अब माइलस्टोन का पीछा करना छोड़ दिया है. जब मैंने खेलना शुरु किया था तो मैं देश के लिये एक मैच खेलना चाहती थी और एक विकेट लेना चाहती थी.”
गोस्वामी, 35 ने अपने करियर की शुरुआत जनवरी 2002 में की थी. उसके बाद से उन्होंने अब तक क्रिकेट के तीनों फारमेंट में 301 विकेट हासिल कर लिये है. उन्होंने 10 टेस्टों में 40 विकेट, 170 वन डे मैचों में 205 विकेट और 68 Twenty20 इंटरेनशनल मैचों में 56 विकेट लिये. उन्होंने हाल ही में T20Is से रिटायरमेंट की घोषणा कर दी है.
उन्हें 2006 में इंग्लैंड के दौरे से पहले राष्ट्रीय टीम की उप कप्तान के तौर पर भेजा गया था. वहां उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ न सिर्फ पहली जीत दर्ज करवाई बल्कि भारत को टेस्ट श्रृंखला जीतने में भी मदद की. इस तरह की उपलब्धियों ने उन्हें सीरीज का प्लेयर बनाया.
इसके अलावा, उन्होंने 2007 में आईसीसी महिला प्लेयर ऑफ ईयर का ख़िताब जीता. इसके तुरंत बाद उन्हें राष्ट्रीय टीम के कप्तान के रूप में जगह दी गई. फिर 2010 मे उन्हें प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया. दो साल बाद एक पद्मश्री से सम्मानित किया गया.
गोस्वामी ने 2002 में टाउनटन में इंग्लैंड के खिलाफ 214 रनों के रिकॉर्ड के बड़े हिस्से में मिताली के साथ साझेदारी की. 2015 में वह उन चार वरिष्ठ खिलाड़ियों में शामिल थी जिन्हें पहली बार बीसीसीआई ने अनुबंध करके उच्चतम ग्रेड दिया था. झुलन का नाम बोलिंग के साथ ही बैंटिग में भी लिया जाता है.