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Sexual Abuse: बच्चों और टीनएजर्स में जानिए सेक्सुअल अब्यूस के ये 5 साइंस

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Swati Bundela
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बच्चों और टीनएजर्स में सेक्सुअल अब्यूस की टॉपिक को काफी बार नज़रअंदाज़ किया जाता है लेकिन इसका मतलब ये बिलकुल नहीं है की ये प्रॉब्लम एक्सिस्ट नहीं करता है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड के मुताबिक हमारे देश में हर दिन करीब 109 बच्चे किसी न किसी अब्यूस के शिकार होते हैं। बच्चे ना सिर्फ सेक्सुअल बल्कि फिजिकल अब्यूस का भी शिकार हो रहे हैं और पेरेंट्स का सबसे बड़ा फ़र्ज़ आज यही है की वो अपने बच्चों को ऐसे सिचुएशन में आने से बचाएं। इसके लिए सबसे पहले जानिए बच्चों और टीनएजर्स में सेक्सुअल अब्यूस के इन 5 साइंस को:

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1. सेक्सुअल अब्यूस के प्रकार जानिए '



सेक्सुअल अब्यूस 2 तरह के होते हैं- कांटेक्ट और नॉन-कांटेक्ट। कांटेक्ट सेक्सुअल अब्यूस में अटैकर आपके बच्चे के कांटेक्ट में आता है और रेप, ओरल सेक्स या किसी और तरीके से आपके बच्चे के इनोसेंस को ख़त्म करता है। वहीं नॉन-कांटेक्ट सेक्सुअल अब्यूस ज़्यादातर ऑनलाइन ही होते हैं जिसमें आपके बच्चें पोर्नोग्राफी, मास्टरबेटिंग या फ्लशिंग का शिकार हो सकते हैं। इसलिए अपने बच्चे के हैबिट्स और फ़ोन पर चेक करते रहें।

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2. फिजिकल साइंस



किसी भी सेक्सुअल अब्यूस के बाद आपके बच्चे में ऐसे कई तरह के फिजिकल प्रॉब्लम हो सकते हैं जो आपको सेक्सुअल अब्यूस का इंडिकेशन दे सकते हैं। अगर आपके बच्चे को उसके जेनिटल एरिया में इचिंग हो, किसी तरह का डिस्चार्ज हो रहा हो, रेक्टल ब्लीडिंग हो रही हो, नींद ना आ रही हो या फिर चलने में तकलीफ हो तो ये खतरे के निशान हो सकते हैं।
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3. इमोशनल साइंस



किसी भी तरह का सेक्सुअल अब्यूस आपके बच्चे को सारी ज़िन्दगी ट्रॉमेटाईज़ कर सकते हैं। ऐसे हालत में आपके बच्चे में कुछ इमोशनल बदलाव हो सकते हैं। इसलिए अगर आपका बच्चा एंग्जायटी,
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डिप्रेशन, सेल्फ-कॉन्फिडेंस में गिरावट या डर महसूस करने लगे तो उससे बात करने की कोशिश करें।

4. बेहेवियर में बदलाव

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सेक्सुअल अब्यूस के कारण आपके बच्चे का बेहेवियर भी बदल सकता है। इसलिए अगर आपका बच्चा ज़रूरत से ज़्यादा शांत रहने लगे, सबसे दूरी बनाने लगे और उसके स्कूल के परफॉरमेंस में गिरावट होने लगे तो चौकन्ना हो जाएं। इसके अलावा भी अगर आपके बच्चे के नार्मल बेहेवियर में कोई बदलाव हो तो इसका भी ध्यान रखें।

5. ऐकडेमिक साइंस



अगर आपका बच्चा काफी ज़्यादा स्कूल में पिछड़ने लगे, या फिर उसके बाकी एक्स्ट्रा करक्युलर एक्टिविटीज में मन ना लगे तो ये अच्छे संकेत नहीं हो सकते हैं। ऐसे सिचुएशन में अपने बच्चे के प्रोग्रेस को बराबर मॉनिटर करें और उसके हर छोटे-बड़े चीज़ को नोटिस करते रहें।
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