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हमारे देश में अभी भी स्टेप-पैरेंट का कांसेप्ट काफी नया है और इसलिए आज भी इसके साथ एडजस्ट करने में लोगों को प्रॉब्लम होती है। एक बच्चे के लिए अपने पैरेंट के जगह एक स्टेप-पैरेंट को रख पाना और भी मुश्किल हो जाता है और इस कारण ही आज तक सोसाइटी में इस रिलेशनशिप को लेकर एक्सेप्टेन्स लेवल में कोई सुधार नहीं हुआ है। स्टेप-पैरेंट के साथ बच्चे के रिलेशनशिप को स्थापित करना बहुत ज़रूरी है ताकि इसके कारण उनके मेन्टल हेल्थ पर कोई असर ना पड़े। जानिए 5 तरीकें जिनसे आप अपने बच्चे कि हेल्प कर सकते हैं एक स्टेप-पैरेंट को एक्सेप्ट करने में:
बच्चों को पेरेंट्स के डिवोर्स को ओवरकम में बहुत ज़्यादा समय लगता है। इसलिए ऐसे में सबसे ज़रूरी है कि अपने बच्चे के दुःख को बिलकुल हलके में ना लें। डिवोर्स के बाद आपके रीमैरिज के बाद बच्चे को और इनसेक्योर फील हो सकता है। इसलिए ऐसे में बच्चों का साथ ना छोड़ें और उन्हें ये फील करवाएं की उनके लिए आपके साथ-साथ उनके स्टेप पैरेंट भी मौजूद हैं।
बच्चे को अपने रीमैरिज के बाद उसके एक्सिस्टिंग रिलेशनशिप्स से दूर ना करें। बच्चे को इस बता का एहसास होना बहुत ज़रूरी है कि नए रिलेशनशिप्स को बनाने में पुराने को तोड़ना ज़रूरी नहीं है। बच्चे को इस चेंज से ओवरव्हेलम होने से बचाने के लिए उसे उसके पुराने रिलेशन्स के साथ भी अच्छे से रहने दें।
बच्चे को नए फैमिली और नए स्टेप-पैरेंट के साथ एडजस्ट करने के लिए अगर आपको ज़रूरत लगे तो आप प्रोफेशनल हेल्प भी ले सकते हैं। अगर आपकी तमाम कोशिशों के बाद भी बच्चा अपने नए बैकग्राउंड में सेट इन नहीं कर पा रहा है तो प्रोफेशनल हेल्प ही उसके लिए बेस्ट है।
बच्चे को नए एनवायरनमेंट में सेट होने में बहुत ज़्यादा समय लग सकता है। इसलिए आप उसकी मदद करने के लिए गेट-टुगेदर ऑर्गनाइज़ कर सकते हैं। इसके थ्रू बच्चे हर किसी को पहचान पाएंगे और नए रिलेशन्स फॉर्म कर पाएंगे। लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें कि अपने बच्चे को किसी के सतह अफ़ेक्शनेट होने के लिए फ़ोर्स ना करें।
1. बच्चे के दुःख को समझे
बच्चों को पेरेंट्स के डिवोर्स को ओवरकम में बहुत ज़्यादा समय लगता है। इसलिए ऐसे में सबसे ज़रूरी है कि अपने बच्चे के दुःख को बिलकुल हलके में ना लें। डिवोर्स के बाद आपके रीमैरिज के बाद बच्चे को और इनसेक्योर फील हो सकता है। इसलिए ऐसे में बच्चों का साथ ना छोड़ें और उन्हें ये फील करवाएं की उनके लिए आपके साथ-साथ उनके स्टेप पैरेंट भी मौजूद हैं।
2. एक्सिस्टिंग फैमिली रिलेशनशिप्स को करें नर्चर
बच्चे को अपने रीमैरिज के बाद उसके एक्सिस्टिंग रिलेशनशिप्स से दूर ना करें। बच्चे को इस बता का एहसास होना बहुत ज़रूरी है कि नए रिलेशनशिप्स को बनाने में पुराने को तोड़ना ज़रूरी नहीं है। बच्चे को इस चेंज से ओवरव्हेलम होने से बचाने के लिए उसे उसके पुराने रिलेशन्स के साथ भी अच्छे से रहने दें।
3. प्रोफेशनल हेल्प लें
बच्चे को नए फैमिली और नए स्टेप-पैरेंट के साथ एडजस्ट करने के लिए अगर आपको ज़रूरत लगे तो आप प्रोफेशनल हेल्प भी ले सकते हैं। अगर आपकी तमाम कोशिशों के बाद भी बच्चा अपने नए बैकग्राउंड में सेट इन नहीं कर पा रहा है तो प्रोफेशनल हेल्प ही उसके लिए बेस्ट है।
4. नए रिलेशन्स को दें टाइम
बच्चे को नए एनवायरनमेंट में सेट होने में बहुत ज़्यादा समय लग सकता है। इसलिए आप उसकी मदद करने के लिए गेट-टुगेदर ऑर्गनाइज़ कर सकते हैं। इसके थ्रू बच्चे हर किसी को पहचान पाएंगे और नए रिलेशन्स फॉर्म कर पाएंगे। लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें कि अपने बच्चे को किसी के सतह अफ़ेक्शनेट होने के लिए फ़ोर्स ना करें।