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आजकल के बच्चे घंटो स्मार्ट फ़ोन चलाते रहते हैं। बच्चे आजकल सबसे ज्यादा समय लैपटॉप और फ़ोन के सामने बिताते हैं और घंटो एक ही जगह पर बैठे रहते हैं। इस से ना सिर्फ उनकी आँखों की रौशनी ख़राब होती है बल्कि उनका शरीर भी ख़राब होता है। इसलिए आज हम बताएंगे बच्चे को आउटडोर गेम्स खिलाने के फायदे के बारे में -
बढ़ती उम्र के बच्चों के लिए बाहर ताज़ी हवा में खेलना बहुत जरुरी होता है। उनकी लम्बाई अच्छे से बढ़ती और पूरी बॉडी की ग्रोथ अच्छे से हो पाती है। सूरज की रौशनी में खेलने से बच्चे एक्टिव हो जाते हैं और उनका आलस छूट जाता है।
जो बच्चे आउटडोर गेम्स खेलते हैं वो खेलकर इतना थक जाते हैं कि घर आकर फिर सीधा सो जाते हैं। इसके कारण से वो फ़ोन और लैपटॉप कम चलाते हैं और उनकी आँखें ख़राब होने से बचती हैं। आपने देखा होगा आजकल 10 में से 6 बच्चों को समय से पहले ही चश्मा लगजाता है क्योंकि वो दिन भर घर में रहते हैं और फ़ोन और लैपटॉप मैन घुसे रहते हैं।
बच्चे की उम्र ही ऐसी होती है कि उनका खेलना कूदना और गेम्स खेलना बहुत जरुरी होता है। गेम्स खेलने से उनके खून का संचार अच्छे से होता है और उनका दिमाग तेज़ी से चल पाता है। इस से वो पढाई लिखाई भी अच्छे से कर पाते हैं।
जब हम पूरा वक़्त घर में रहते हैं तो फ़ोन टीवी में घुसे रहते हैं और हमारा दिमाग नम्ब सा हो जाता है और हम सुस्त हो जाते हैं। आपने देखा होगा कि बाहर जाने से आपका दिमाग तुर्रंत फ्रेश हो जाता और आपको अंदर से भी अच्छा लगने लगता है।
1. आउटडोर गेम्स का हेल्थ पर क्या असर पड़ता है ?
बढ़ती उम्र के बच्चों के लिए बाहर ताज़ी हवा में खेलना बहुत जरुरी होता है। उनकी लम्बाई अच्छे से बढ़ती और पूरी बॉडी की ग्रोथ अच्छे से हो पाती है। सूरज की रौशनी में खेलने से बच्चे एक्टिव हो जाते हैं और उनका आलस छूट जाता है।
2. आउटडोर गेम्स से नज़र का क्या सम्बन्ध है ?
जो बच्चे आउटडोर गेम्स खेलते हैं वो खेलकर इतना थक जाते हैं कि घर आकर फिर सीधा सो जाते हैं। इसके कारण से वो फ़ोन और लैपटॉप कम चलाते हैं और उनकी आँखें ख़राब होने से बचती हैं। आपने देखा होगा आजकल 10 में से 6 बच्चों को समय से पहले ही चश्मा लगजाता है क्योंकि वो दिन भर घर में रहते हैं और फ़ोन और लैपटॉप मैन घुसे रहते हैं।
3. दिमाग तेज कैसे होता है ?
बच्चे की उम्र ही ऐसी होती है कि उनका खेलना कूदना और गेम्स खेलना बहुत जरुरी होता है। गेम्स खेलने से उनके खून का संचार अच्छे से होता है और उनका दिमाग तेज़ी से चल पाता है। इस से वो पढाई लिखाई भी अच्छे से कर पाते हैं।
4. मेन्टल प्रेशर से कैसे बचें ?
जब हम पूरा वक़्त घर में रहते हैं तो फ़ोन टीवी में घुसे रहते हैं और हमारा दिमाग नम्ब सा हो जाता है और हम सुस्त हो जाते हैं। आपने देखा होगा कि बाहर जाने से आपका दिमाग तुर्रंत फ्रेश हो जाता और आपको अंदर से भी अच्छा लगने लगता है।