New Update
ये महामारी ह्यूमनकाइंड के लिए अब तक की सबसे बड़े चैलेंज के रूप में उभरा है। इस मुश्किल परिस्थिति में ही लोगों के मदद करने के नेचर को सही टेस्ट से गुज़ारना पर रहा है। ऐसी कई इंस्पिरेशनल कहानियां रोज़ सामने आ रही है जहाँ लोगों की मदद करने के लिए कोरोनावारियर्स लगे हुए हैं। जानिए ऐसी ही एक कहानी कश्मीर की दो नर्सेज के बारे में जिन्होनें इस पूरे महामारी में जन कल्याण के लिए दिन रात काम किया है।
शगुफ्ता आरा श्रीनगर के सरकारी हॉस्पिटल में नर्सिंग का काम करती है। पिछले कुछ महीनों में उन्होंने कम से कम 100 बच्चों की डिलीवरी की हैं जिनकी माँ कोरोना पॉजिटिव थीं। इस बीच में उन्होंने एक दिन की भी छुट्टी नहीं लीं और सामने बढ़ कर हर नवजात बच्चे की तब तक देखभाल भी की जब तक उनकी माँ कोरोना से रिकवर ना कर जाए। अपने काम के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया की शुरुवात में कोरोना उन सब के लिए एक बहुत बड़ा चैलेंज था। पर जैसे-जैसे समय बीतता चला गया उन सब ने ना सिर्फ इस सिचुएशन को समझा बल्कि इसके हिसाब से काम करते हुए अपनी ड्यूटी को पूरा भी किया।
उन्होंने बताया की उनकी खुद दो बेटियां हैं और इस नाते वो अच्छी तरह से समझती हैं की की एक बच्चे के जन्म से पहले उसकी माँ की क्या स्तिथि होती है। उन्होंने बताया की बच्चों की डिलीवरी से ज़्यादा ज़रूरी था इन कोविड पॉजिटिव प्रेग्नेंट महिलाओं की काउंसलिंग करना और उन्हें ये दिलासा देना की उनके साथ सब सही होगा। ऐसे में उनको डिप्रेशन का भी खतरा हो सकता है जिससे उनको उबारना बहुत ज़रूरी है। अपने परिवार का शुक्रिया अदा करते हुए उन्होंने ये भी बताया की उनके इस नेक काम में उनके परिवार ने उनका पूरा साथ दिया।
श्रीनगर से 50 किलोमीटर दूर स्तिथ पुलवामा डिस्ट्रिक्ट की नर्स तबस्सुम ने पूरे जिले को कोरोना की वैक्सीन दिलाने की ज़िम्मेदारी अपने सर पर उठा ली है। साउथ कश्मीर में 6000 से भी ज़्यादा लोगों को वैक्सीन लगा कर तबस्सुम ने अपने आप में ही एक रिकॉर्ड स्थापित किया है। उनके इन एफ्फोर्ट्स के कारण ही अब पूरे एरिया में 80 प्रतिशत से भी ज़्यादा लोग वैक्सीन ले चुके हैं।
अपने इस काम के बाजरे में बताते हुए तबस्सुम ने कहा की वो पूरे जिले को वैक्सीन देने के लिए दिन रात काम कर रहीं है। उन्होंने बताया की सबसे ज़्यादा मुश्किल काम था लोगों को ये समझना की वैक्सीन सेफ है और इससे कोई प्रॉब्लम नहीं होगा। उन्होंने इन अफवाओं को ख़तम करने के लिए भी बहुत काम किया है और वो शुक्रगुज़ार है की लोगों ने उनकी बात सुनी है।
कोरोना की इस महामारी में अपने परिवार से दूर रह कर काम करने वाले ये हेल्थ केयर वर्कर्स असल में कोरोनावारियर्स है। इस महामारी में किया गया इनका ये काम काफी सराहनीय है।
मिलिए श्रीनगर की नर्स शगुफ्ता आरा से
शगुफ्ता आरा श्रीनगर के सरकारी हॉस्पिटल में नर्सिंग का काम करती है। पिछले कुछ महीनों में उन्होंने कम से कम 100 बच्चों की डिलीवरी की हैं जिनकी माँ कोरोना पॉजिटिव थीं। इस बीच में उन्होंने एक दिन की भी छुट्टी नहीं लीं और सामने बढ़ कर हर नवजात बच्चे की तब तक देखभाल भी की जब तक उनकी माँ कोरोना से रिकवर ना कर जाए। अपने काम के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया की शुरुवात में कोरोना उन सब के लिए एक बहुत बड़ा चैलेंज था। पर जैसे-जैसे समय बीतता चला गया उन सब ने ना सिर्फ इस सिचुएशन को समझा बल्कि इसके हिसाब से काम करते हुए अपनी ड्यूटी को पूरा भी किया।
खुद दो बेटियों की माँ है शगुफ्ता आरा
उन्होंने बताया की उनकी खुद दो बेटियां हैं और इस नाते वो अच्छी तरह से समझती हैं की की एक बच्चे के जन्म से पहले उसकी माँ की क्या स्तिथि होती है। उन्होंने बताया की बच्चों की डिलीवरी से ज़्यादा ज़रूरी था इन कोविड पॉजिटिव प्रेग्नेंट महिलाओं की काउंसलिंग करना और उन्हें ये दिलासा देना की उनके साथ सब सही होगा। ऐसे में उनको डिप्रेशन का भी खतरा हो सकता है जिससे उनको उबारना बहुत ज़रूरी है। अपने परिवार का शुक्रिया अदा करते हुए उन्होंने ये भी बताया की उनके इस नेक काम में उनके परिवार ने उनका पूरा साथ दिया।
मिलिए पुलवामा की नर्स तबस्सुम से
श्रीनगर से 50 किलोमीटर दूर स्तिथ पुलवामा डिस्ट्रिक्ट की नर्स तबस्सुम ने पूरे जिले को कोरोना की वैक्सीन दिलाने की ज़िम्मेदारी अपने सर पर उठा ली है। साउथ कश्मीर में 6000 से भी ज़्यादा लोगों को वैक्सीन लगा कर तबस्सुम ने अपने आप में ही एक रिकॉर्ड स्थापित किया है। उनके इन एफ्फोर्ट्स के कारण ही अब पूरे एरिया में 80 प्रतिशत से भी ज़्यादा लोग वैक्सीन ले चुके हैं।
क्या बताया नर्स तबस्सुम ने?
अपने इस काम के बाजरे में बताते हुए तबस्सुम ने कहा की वो पूरे जिले को वैक्सीन देने के लिए दिन रात काम कर रहीं है। उन्होंने बताया की सबसे ज़्यादा मुश्किल काम था लोगों को ये समझना की वैक्सीन सेफ है और इससे कोई प्रॉब्लम नहीं होगा। उन्होंने इन अफवाओं को ख़तम करने के लिए भी बहुत काम किया है और वो शुक्रगुज़ार है की लोगों ने उनकी बात सुनी है।
दिन रात काम कर रही है इस महामारी में कश्मीर की ये दो नर्सेज
कोरोना की इस महामारी में अपने परिवार से दूर रह कर काम करने वाले ये हेल्थ केयर वर्कर्स असल में कोरोनावारियर्स है। इस महामारी में किया गया इनका ये काम काफी सराहनीय है।