Asexuality से जुड़ी इन मिथकों की सच्चाई जानें

हम सबको यही लगता है कि सभी में यौन आकर्षण होता है लेकिन ऐसा नहीं होता है। कुछ लोगों को बहुत कम या फिर बिल्कुल भी यौन आकर्षण नहीं होता है। ऐसे लोगों को हम एसेक्सुअल कहते हैं। आज हम इससे जुड़ी कुछ मिथकों की सच्चाई जानते हैं-

यह Celibacy या Absitinent है

इस बात में कोई सच्चाई नहीं है। एसेक्सुअलिटी का मतलब यौन आकर्षण का नहीं होना है न की अपनी इच्छा से किसी समय तक सेक्स से दूर रहना है।

यह लोग अकेलेपन का शिकार होते हैं

ऐसे लोगों अकेलेपन का शिकार नहीं होते हैं बल्कि अपनी सोशल लाइफ को अच्छी तरीके से जीते हैं और उसे एंजॉय भी करते हैं।

ऐसे लोग कम होते हैं

बहुत सारे लोग ऐसा मानते हैं कि ये लोग बहुत कम होते हैं लेकिन यह सच्चाई नहीं है। समाज में ऐसे लोग बहुत होते हैं लेकिन लोगों में इसकी जागरुकता की कमी है।

इन्हें इंटिमेट होना पसंद नहीं

एसेक्सुअलिटी का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि ऐसे लोगों को इंटिमेट होना पसंद नहीं है बल्कि यह फिजिकली टच को एंजॉय कर सकते हैं।

यह एक मेडिकल कंडीशन है

यह कोई मेडिकल कंडीशन नहीं होती है और ना ही ऐसे लोगों को किसी इलाज या फिर ठीक होने की जरूरत होती है। यह एक तरह की सेक्सुअलिटी होती है।

इन्हें अभी सही पार्टनर नहीं मिला है

एसेक्सुअल लोगों के भी हेल्दी रिलेशनशिप होते हैं। ऐसा नहीं होता है कि इन्हें सही पार्टनर नहीं मिला होता है जिसके कारण यह सेक्स से दूरी बना लेते हैं।

सेक्स से भागते हैं

ऐसा भी नहीं है कि ऐसे लोग सेक्स नहीं करते हैं। इनमें यौन आकर्षण नहीं होता है लेकिन यह अन्य कारणों से सेक्स करते हैं।