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दुनिया में कहीं से भी ब्लैक फंगस की दवाई लाएं - दिल्ली हाई कोर्ट ने सेंटर से कहा

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Swati Bundela
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ब्लक फंगस के केसेस अब दिन अपर दिन बहदते जा रहे हैं। ये बीमारी कोरोना से लम्बे समय से जूझ रहे लोगों को रही है। पहले साल भर में इसके मुश्किल से 15 मामले सामने आते थे और अब एक हफ्ते में ही 100 निकल रहे हैं। ब्लैक फंगस की दवाई लाएं
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दिल्ली कोर्ट ने सेंटर को सख्त आदेश दिए हैं कि कैसे भी इसकी दवाई अम्फोटेरेसिन का कैसे नहीं बंदोवस्त किया जाए। देश मैं अभी इस देश की बहुत कमी हो रही है। कोरोना के चलते सभी जगह कोहराम मचा हुआ है इस से कई लोग मर रहे हैं कभी ऑक्सीजन की कमी से तो कभी दवाई की कमी से। सेंटर ने कहा इस वक़्त अभी लोगों की जान से बढ़कर कुछ भी नहीं है।
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सबसे पहले इस अम्फोटेरेसिन दवाई की कमी की बात राकेश मल्होत्रा वकील ने उठायी थी। अब आप सोच रहे होंगे कि ब्लैक फंगस होता क्या है ?

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कोरोना के कारण दुनिया भर में पहले ही बहुत सी समस्याएं बढ़ रहीं हैं। कोरोना की दूसरी लहर में कई मरीजों को ऑक्सीजन की कमी भी झेलनी पड़ रही है। लेकिन अब ब्लैक फंगस नाम का एक इन्फेक्शन तेजी से चल रहा है आइए जानते हैं ब्लैक फंगस क्या है और ब्लैक फंगस के लक्षण क्या है ।

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ब्लैक फंगस क्या है ?



ब्लैक फंगस एक फंगल इंफेक्शन है जो की करुण शरीर में मरीजों के तेजी से पैर पसार रहा है। इस इंफेक्शन को mucormycosis भी कहते हैं। फंगस ज्यादातर नाक, फेफड़े, आंखें और दिमाग पर प्रभाव डालता है।

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डायबिटीज के मरीजों को भी ब्लैक फंगस इंफेक्शन बहुत तेजी से फैल रहा है जिसके कारण कोरोना वायरस से सही होने वाले मरीज भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।

कोरोना के साथ ब्लैक फंगस का क्या नाता है ?

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ब्लैक फंगस ज्यादातर steroids की वजह से फैलता है जोकि कोरोनावयरस के मरीजों को बचाने के लिए ट्रीटमेंट में इस्तेमाल किया जाता है।



Steroids के कारण फेफड़ों में इंफेक्शन कम होता है और वायरस के कारण शरीर में हुई हानि को भी सही करता है। पर इसके कारण इम्यूनिटी कम हो जाती है और ब्लड प्रेशर भी ऊपर पहुंच जाता है।
सेहत
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