बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ: बालिका शिक्षा के लिए सरकारी योजनाएं

भारत में लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य न केवल लड़कियों को शिक्षा प्रदान करना है, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित और समृद्ध भविष्य भी देना है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) योजना

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का उद्देश्य लड़कियों को जन्म से लेकर शिक्षा और स्वास्थ्य तक संरक्षित और प्रोत्साहित करना है। इस योजना के अंतर्गत लड़कियों के शिक्षात्मक अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए कई कदम उठाए जाते हैं।

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV) योजना

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना के तहत ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में लड़कियों के लिए आवासीय विद्यालय स्थापित किए गए हैं। इसका उद्देश्य गरीब और पिछड़ी वर्ग की लड़कियों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करना है।

सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)

सुकन्या समृद्धि योजना के तहत माता-पिता अपनी बेटी के नाम से बैंक खाता खोल सकते हैं और उसमें बचत कर सकते हैं। इस योजना के तहत जमा राशि पर उच्च ब्याज दर मिलती है, जो लड़कियों की शिक्षा और शादी के खर्चों में सहायक होती है।

राष्ट्रीय बालिका दिवस

राष्ट्रीय बालिका दिवस, हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है। लड़कियों के अधिकारों को प्रस्तुत करने और उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करने का उद्देश्य रखता है। इस दिन लड़कियों के महत्व को उजागर किया जाता है।

राष्ट्रीय साधन-सह-मेधा छात्रवृत्ति (NMMS) योजना

यह योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर और मेधावी छात्रों को कक्षा 9 से 12 तक की शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इसका उद्देश्य गरीब बच्चों को पढ़ाई में प्रोत्साहित करना और उन्हें उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करना है।

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA)

यह योजना का उद्देश्य माध्यमिक स्तर की शिक्षा को बढ़ावा देना और सभी बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। इसके तहत नए विद्यालयों की स्थापना, विद्यालयों का सुधार और शिक्षकों की प्रशिक्षण का प्रावधान किया गया है।

उच्च शिक्षा के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति (ST लड़कियों के लिए)

यह योजना विशेष रूप से अनुसूचित जनजाति की लड़कियों के लिए है, जिनमें उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इसका उद्देश्य आदिवासी लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।