Pitru Paksha 2024: हो चुकी है पितृ पक्ष की शुरुआत, जानें कुछ बातें

भारत के हिन्दू समाज में पितृ पक्ष बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह प्रथा सदियों से चली आ रही है, इस दौरान हिन्दू संस्कृति के लोग अपने स्वर्गवासी पितरों को अश्विन मॉस के 15 दिनों के दौरान श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करते हैं। आइये जानते हैं अधिक- (Image Credit -My Jyotish)

पितृ पक्ष

पितृ पक्ष में हिन्दू संस्कृति के लोग अपने पितरों यानी कि स्वर्गवासी परिजनों को पूजा और श्राद्ध आदि के द्वारा उन्हें नमन करते हैं। (Image Credit -NDTV.in)

कब होता है पितृ पक्ष

भारत में हिन्दू कैलेण्डर के हिसाब से इसकी शुरुआत भाद्रपद माह की पूर्णिमा से होती है और यह 16 दिनों तक यानी कि अश्विन मॉस की अमवस्या तक रहता है।(Image Credit -Bhaskar)

कब है पितृ पक्ष

इस वर्ष पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितम्बर 2024 भाद्रपद की पूर्णिमा से हो रही है और यह 2 अक्टूबर 2024 को अमावस्या के दिन समाप्त होगा।(Image Credit -NDTV.in)

क्यों होता है पितृ पक्ष

हिन्दू मान्यता के अनुसार यह कहा जाता है कि पितृ पक्ष के समय स्वर्गवासी पितरों का निवास धरती पर होता है तो इस दौरान उनकी पूजा करनी चाहिए यह शुभ होता है।(Image Credit -Hariyana K khabar)

क्या होता है पितृ पक्ष से

मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान पितरों की पूजा करने भोजन कराने और उनका तर्पण करने से लोगों को पितृ दोष से छुटकारा मिलता है और यह करना उनके जीवन में शुभ भी होता है क्योंकि इससे उनके पूर्वज प्रसन्न होते हैं।(Image Credit -Aaj tak)

ब्राम्हणों को भोजन

पितृ पक्ष के दौरान ब्राम्हणों को भोजन कराने की प्रथा है माना जाता है इससे पितरों को भोजन की प्राप्ति होती है और वे प्रसन्न होते हैं। इस दिन पितरों की पसंद का भोजन बनाकर ब्राह्मण को खिलाया जाता है।(Image Credit -Her Zindagi)

कब खिलाएं ब्राम्हणों को भोजन

माना जाता है कि ब्राह्मणों को भोजन उस तिथि पर खिलाया जाता चाहिए जिस तिथि पर आपके पितरों का स्वर्गवास हुआ हो। मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है। (Image Credit -Bhaskar)

पितृ पक्ष में महिलाओं का श्राद्ध

पितृ पक्ष के दौरान महिलाओं के श्राद्ध और तर्पण के लिए एक दिन सुनिश्चित किया गया है। इस दिन महिलाओं का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। यह दिन होता है मातृ नवमी का इस दिन ज्यादातर दानी, नानी या माताओं को पिंडदान और तर्पण किया जाता है।(Image Credit -HerZindagi)

अमावश्य श्राद्ध

इस वर्ष अमावस्या की तिथि 02 अक्टूबर को है। इस दिन श्राद्ध, तर्पण और पूजा के बाद सभी पितरों को धरती से विदा कर दिया जाता है।(Image Credit -Punjab Kesari)

पितृ पक्ष क्या नहीं करना चाहिए

मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान तीर्थ यात्रा, मांगलिक कार्य और नए घर खरीदना, नए सामान खरीदना, शादी करना, मुंडन करना, सगाई, गृह प्रवेश और महिलाओं के लिए श्रृंगार और नए कपड़े खरीदने से बचना चाहिए। यह शुभ नहीं माना जाता है।(Image Credit -Zee News)