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मीसल्स की वैक्सीन है बच्चों में कोरोना के खिलाफ असरदार

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Swati Bundela
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पुणे के BJ मेडिकल कॉलेज में एक रिसर्च की गयी और इस में सामने आया कि कोरोना के खिलाफ मीसल्स की वैक्सीन 87.5 % असरदार है। सभी को अभी इस बात की चिंता है कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है तो वो बच्चों के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक हो सकती है। ऐसा भी देखा गया है कि जिन बच्चों को मीसल्स की वैक्सीन लगी है वो कोरोना से काफी लम्बे समय से सुरक्षित रह सकते हैं।

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मीसल्स वैक्सीन कोरोना के लिए क्यों है असरदार ?



मीसल्स वैक्सीन कोरोना के खिलाफ बच्चों की लड़ाई में इसलिए असरदार है क्योंकि कोरोना में पाया जाने वाला स्पाइक प्रोटीन मीसल्स के हेमागग्लूटिनिन प्रोटीन से मिलता जुलता है। इसलिए इसकी दवाई उसके लिए असरदार है।
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किस तरीके से इसकी स्टडी की गयी थी ?



स्टडी पूरे 548 बच्चों के ऊपर की गयी थी जो कि 1 साल की उम्र से लेकर 17 साल की उम्र तक के थे । ये दो ग्रुप में रखे थे एक जो कोरोना पॉजिटिव थे और दूसरे जो नहीं थे। इस में सामने आया कि उम्र और लड़का लड़की का वैक्सीन के प्रोटेक्शन को लेकर कोई फर्क नहीं है।
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क्या 18 से कम उम्र के बच्चों को हो रहा है कोरोना ?



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इंडिया के कई हिस्सों में कोरोना संक्रमण छोटे बच्चों में और 18 से कम उम्र के बच्चों में भी देखा जा रहा है। इसी के चलते एक्सपर्ट्स ने ये अंदेशा लगाया है कि अब बच्चों को बचने की है जरुरत। कोरोना वायरस की दूसरी लहर पहली से चार गुना ज्यादा खतरनाक है और इसके चलते केसेस अचानक से बहुत ज्यादा बड़े हुए हैं और सभी जगह खतरा बना हुआ है।



एक्सपर्ट्स के मुताबित 18 साल से कम उम्र के बच्चे और नवजात बच्चे कोरोना की तीसरी लहर में खतरे में हो सकते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण ये भी हैं किउनके लिए कोई भी वैक्सीन नही बनी है। अभी तक की सभी वैक्सीन 18 से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए ही बनी है और उन्ही के हिसाब से टेस्ट की गयी है।
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