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हम सभी आमतौर पर पीरियड के दौरान पैड का इस्तेमाल करते हैं पर क्या आप इन सैनिटरी पैड्स के नुकसान के बारे में जानते हैं ? जानिए पीरियड्स के दौरान पैड्स का इस्तेमाल क्यों नहीं करना चाहिए ?
हम सभी जानते हैं कि पैड्स कॉटन के बनते हैं और कॉटन कभी भी प्योर व्हाइट नहीं होती। कॉटन का रंग हल्का क्रीम होता है।
पैड्स बनाने वाली कंपनियां डायोक्सीन नाम का केमिकल इस्तेमाल करके सैनिटरी पैड्स को एकदम सफेद बना देती हैं और यह केमिकल हमारी स्किन के लिए बहुत हानिकारक है ।
अलग-अलग ब्रांड के हिसाब से अलग-अलग पैड्स में अच्छी सुगंध आती है। लेकिन यह सुगंध आर्टिफिशियल होती है जो कि केमिकल से लाई जाती है इसलिए सुगंध वाले पैड आपके private part के लिए बिल्कुल सही नहीं है।
पैड्स के ऊपर पेस्टिसाइड्स प्रत्यक्ष रूप से नहीं जाते हैं लेकिन यह कॉटन की फसल पर डाले जाते हैं इसलिए यह कहीं ना कहीं सेनेटरी पैड्स में भी शामिल होते हैं।
यह बिना किसी केमिकल\आर्टिफिशियल पेस्टिसाइड से बना होता है इसलिए इसमें इंफेक्शन होने का कोई खतरा नहीं होता।
यह कपड़े के पैड्स एकदम सुरक्षित होते हैं साथ ही इन्हें दोबारा इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
यह रबर या फिर सिलिकॉन का बना होता है जिसे की वजाइना में लगाया जाता है और फिर के वहां से सारा खून इकट्ठा करके रख लेता है।
ये कई सालो तक इस्तेमाल किया जा सकता है।
तो ये थे सैनिटरी पैड्स के नुकसान और उसके अल्टरनेटिव।
सैनिटरी पैड्स के नुकसान
1. इसमें होता है Dioxin
हम सभी जानते हैं कि पैड्स कॉटन के बनते हैं और कॉटन कभी भी प्योर व्हाइट नहीं होती। कॉटन का रंग हल्का क्रीम होता है।
पैड्स बनाने वाली कंपनियां डायोक्सीन नाम का केमिकल इस्तेमाल करके सैनिटरी पैड्स को एकदम सफेद बना देती हैं और यह केमिकल हमारी स्किन के लिए बहुत हानिकारक है ।
2. आर्टिफिशियल सुगंध
अलग-अलग ब्रांड के हिसाब से अलग-अलग पैड्स में अच्छी सुगंध आती है। लेकिन यह सुगंध आर्टिफिशियल होती है जो कि केमिकल से लाई जाती है इसलिए सुगंध वाले पैड आपके private part के लिए बिल्कुल सही नहीं है।
3. पैड्स पर पेस्टिसाइड्स
पैड्स के ऊपर पेस्टिसाइड्स प्रत्यक्ष रूप से नहीं जाते हैं लेकिन यह कॉटन की फसल पर डाले जाते हैं इसलिए यह कहीं ना कहीं सेनेटरी पैड्स में भी शामिल होते हैं।
4. सैनिटरी पैड्स के इस्तेमाल से आपको हो सकती हैं यह परेशानियां
- आपके निजी हिस्से में इंफेक्शन
- ओवरी में कैंसर
- बांझपन
- रैशेज्
- थायराइड की समस्या
- इम्यून सिस्टम का खराब होना
- वजाइनल एलर्जी इत्यादि
5. सैनिटरी पैड्स को बदल कर इस्तेमाल करें ये
- ऑर्गेनिक सैनिटरी पैड्स
यह बिना किसी केमिकल\आर्टिफिशियल पेस्टिसाइड से बना होता है इसलिए इसमें इंफेक्शन होने का कोई खतरा नहीं होता।
- ऑर्गेनिक कपड़े के पैड्स
यह कपड़े के पैड्स एकदम सुरक्षित होते हैं साथ ही इन्हें दोबारा इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
- मेंस्ट्रूअल कप
यह रबर या फिर सिलिकॉन का बना होता है जिसे की वजाइना में लगाया जाता है और फिर के वहां से सारा खून इकट्ठा करके रख लेता है।
ये कई सालो तक इस्तेमाल किया जा सकता है।
तो ये थे सैनिटरी पैड्स के नुकसान और उसके अल्टरनेटिव।