टीवी शोज जो महिला सशक्तिकरण और समाज की चुनौतियों को दिखाते हैं

टेलिविजन शोस मनोरंजन के साथ-साथ समाज में जागरूकता फैलाने का एक प्रभावी माध्यम होता है। कई ऐसे टीवी शोस बने हैं जो महिला के सशक्तिकरण, समाज की चुनौतियों और महिलाओं के बदलते भूमिका को दर्शाता है। तो आईए जानते हैं कुछ ऐसी टीवी शोस जो महिला सशक्तिकरण और समाज की चुनौतियों को दिखाता है।

अनुपमा

इस समय का सबसे चर्चित टीवी शो अनुपम एक ऐसा शो है जो घरेलू महिला के सशक्तिकरण की कहानी को दर्शाता है। अनुपम जो अपने परिवार के लिए खुद को बलिदान करती है। यह शो दिखता है कि महिला किसी भी उम्र में हो अपने सपनों को पूरा कर सकती है और अपने अधिकारों के लिए खड़ी हो सकती है।

इमली

यह जो एक छोटे से गांव की लड़की पर आधारित है। इशू की किरदार इमली यह दिखाती है कि कैसे वह समाज के बंदों को तोड़कर अपना एक नया रास्ता बनाती है। यह शो महिलाओं को आत्मनिर्भरता, शिक्षा और उनकी सामाजिक स्थिति को बदलने की एक कोशिश है।

बालिका वधू

भारतीय टीवी शो का सबसे प्रचलित शो बालिका वधू समाज में बाल विवाह जैसे कुप्रथाओं पर ध्यान केंद्रित करती है। इसमें दिखाया गया है कि किस तरह एक छोटी बच्ची का जीवन समाज पुराने रीति रिवाज के वजह से खंडित कर देता है और उसके अधिकारों को छीन लेता है।

दिया और बाती हम

यह शो एक ऐसी महिला की किरदार पर आधारित है जो समाज और पारिवारिक बंधनों के बावजूद अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश करती है। मुख्य किरदार संध्या अपने परिवार के इच्छाओं के विपरीत जाकर आईपीएस ऑफिसर बनने का सपना देखती है और उससे पूरा भी करती है।

उड़ान

यश महिलाओं के ऊपर होने वाले अत्याचारों को दर्शाता है। शो में यह देखने को मिलता है कि कैसे एक छोटी बच्ची मां की कोख में रहते हुए ही बंधुआ मजदूर बन जाती है। वह समाज को एक अलग नजरिया दिखती है और उन जंजीरों को तोड़कर वह खुद का रास्ता बनाती है। यह शो महिलाओं को समझ में सम्मान के साथ जीना सिखाती है।

ना आना इस देश में लाडो

यह शो समाज के उसे गंभीर समस्या को उठती है जो महिलाओं के जीवन को बुरी तरीके से प्रभावित करती है। इस शो में कन्या शिशु की हत्या के बारे में दिखाया जाए। इसमें सभी मुख्य किरदार पहले रूढ़िवादी सोच रखते हैं फिर धीरे-धीरे बदलकर महिला सशक्तिकरण का समर्थन करते हैं।

उतरन

यह शो दो लड़कियों की कहानी को दर्शाता है जो अलग-अलग सामाजिक पृष्ठभूमि से आती है। शो में दिखाया गया है कि कैसे परिस्थितियों और समाज का दृष्टिकोण महिलाओं के जीवन को प्रभावित करता है और उनके आत्मसम्मान और पहचान के लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ता है।