क्यों है Mahalaya बंगालियों के लिए इतना खास?

कहते हैं बंगालियों के लिए महालया से ही पूजा की शुरुआत हो जाती है जब मां दुर्गा अपने मायके आने के लिए कैलाश से रवाना होती हैंI चारों तरफ महिषासुर मर्दिनी के श्लोक गुंजने लगते हैं और लोग पूजा के आनंद में हम लीन हो जाते हैंI (image credit- Getty Images)

क्या है इस दिन का महत्व?

इस दिन पितृ पक्ष का अंत और देवी पक्ष का आरंभ होता है और पूजा का आगमन होता हैI इसी दिन देवताओं ने मां दुर्गा कि सृष्टि की जिन्होंने महिषासुर का वध किया और बुराई पर विजय प्राप्त कीI इस दिन हम अपने पूर्वजों की याद में तर्पण करते हैंI (image credit- The Economic Times)

कैसे मनाया जाता है महालया?

आज 91 सालों से बंगाली रोज सुबह 4:00 बजे उठकर वीरेंद्र कृष्ण भद्र की 'महिषासुर मर्दिनी' को रेडियो पर सुनते हैं अपने परिवार वालों के साथ और मां दुर्गा के आगमन का जश्न मनाते हैंI चारों ओर शिउली की महक फैल जाती है और ढोल-नगाड़े की गूंज सुनाई देती हैI (image credit- Facebook)

कौन हैं वीरेंद्र कृष्ण भद्र?

वीरेंद्र कृष्ण भद्र ने 1931 में बानी कुमार के स्क्रिप्ट 'महिषासुर मर्दिनी' को अपनी आवाज़ दी जिसे आज भी लोग सुबह 4:00 बजे उठकर सुनते हैंI आकाशवाणी में उनके चंडी पाठ को सुनकर आज भी बंगालियों का मन पुराने स्मृति और पूजा के उमंग से भर उठता हैI (image credit- Wikipedia)

क्या है 'महिषासुर मर्दिनी' की कहानी?

महिषासुर मर्दिनी बानी कुमार की लिखी हुई श्लोक और कई गीतों का संगम हैI यह 90 मिनट का पाठ मां दुर्गा के महिषासुर को वध करने की गाथा है जिसे कंपोज किया था पंकज कुमार मलिक ने और गाया संध्या मुखर्जी एवं द्विजय मुखर्जी जैसे लोकप्रिय गायकों नेI (image credit- The Better India)

कब मनाया जाएगा महालया?

हर वर्ष तकरीबन पूजा शुरू होने के एक हफ्ते पहले महालया मनाया जाता हैI इस साल 14 अक्टूबर 2023 को महालया मनाई जाएगी और 20 अक्टूबर में षष्ठी से पूजा की शुरुआत हो जाएगीI (image credit- Youtube)