Navratri के समय किन नौ देवियों की पूजा की जाती है?

नवरात्रि शुरू हो चुका है दरअसल नवरात्रि हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का पर्व है। यह पर्व विशेष रूप से आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमी तक मनाया जाता है। नवरात्रि के दौरान देवी के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है, जिन्हें नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है। आइए जानते हैं इन नौ देवियों के बारे में।

शैलपुत्री

पहले दिन की पूजा शैलपुत्री की होती है। यह देवी पार्वती का रूप हैं और उनका वाहन बैल है। शैलपुत्री शक्ति, समर्पण और संकल्प का प्रतीक मानी जाती हैं। उन्हें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाली देवी माना जाता है।

ब्रह्मचारिणी

दूसरे दिन की पूजा ब्रह्मचारिणी की होती है। यह देवी तप और संयम का प्रतीक हैं। उन्हें ज्ञान और वैराग्य की देवी कहा जाता है। उनकी आराधना करने से भक्त को आत्मा के उच्चतम स्तर तक पहुँचने में मदद मिलती है।

चंद्रघंटा

तीसरे दिन चंद्रघंटा की पूजा होती है। ये देवी युद्ध और शक्ति की प्रतीक हैं। इनका घंटा बजाना दुश्मनों को भयभीत करता है। चंद्रघंटा की पूजा से भक्ति और साहस में वृद्धि होती है।

स्कंदमाता

पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा होती है। ये भगवान कार्तिकेय की माता हैं और मां की ममता और करुणा का प्रतीक हैं। इनकी आराधना से संतोष और सुख की प्राप्ति होती है।

कूष्मांडा

चौथे दिन कूष्मांडा की पूजा की जाती है। इन्हें सृष्टि की देवी माना जाता है, जो ब्रह्मांड की रचना करती हैं। उनका नाम "कूष्म" से लिया गया है, जिसका अर्थ है कुम्हड़े। ये जीवन और स्वास्थ्य का प्रतीक हैं।

कात्यायनी

छठे दिन कात्यायनी की पूजा होती है। ये देवी महिषासुर मर्दिनी के रूप में जानी जाती हैं। इनकी आराधना करने से भक्त को साहस और विजय प्राप्त होती है। कात्यायनी का स्वरूप युद्ध में विजयी होता है।

कालरात्रि

सातवे दिन कालरात्रि की पूजा की जाती है। इन्हें अंधकार और भय के नाशक के रूप में पूजा जाता है। ये भक्तों की सारी समस्याओं को दूर करने वाली देवी हैं। उनका स्वरूप भयभीत करने वाला है, लेकिन वे भक्तों की रक्षा करती हैं।

महागौरी

आठवें दिन महागौरी की पूजा होती है। ये देवी शुभता और समृद्धि का प्रतीक हैं। महागौरी की आराधना से जीवन में सुख और शांति का संचार होता है। इन्हें ज्ञान और मोक्ष की देवी भी माना जाता है।

सिद्धिदात्री

अंतिम दिन सिद्धिदात्री की पूजा होती है। ये सम्पूर्णता और सिद्धियों की देवी हैं। इनकी आराधना से भक्त को सभी प्रकार की सिद्धियों की प्राप्ति होती है। सिद्धिदात्री के दर्शन से भक्ति और समर्पण में वृद्धि होती है।