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हमारा ह्रदय हमारे शरीर के सबसे इम्पोर्टेन्ट ऑर्गन्स में से एक है, इसलिए इसका ख्याल रखना बहुत ज़रूरी है। वक़्त-वक़्त पर इसकी सही से जांच करवाते रहना भी बहुत आवश्यक है। आज के समय में हार्ट डिजीज और एरिथमिया युवा वर्ग के लोगों में बढ़ता ही जा रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह युवा वर्ग की बदलती लाइफस्टाइल। एरिथमिया से कैसे बचें इस बारे में लोगों को ज़्यादा जानकारी नहीं है। इस विश्व हार्ट रिधम वीक जानिए क्या है एरिथमिया और कैसे बचें इससे:
एरिथमिया एक मेडिकल कंडीशन है जिसमें हमारा ह्रदय अपनी प्रॉपर रिधम में नहीं धड़कता है। ऐसे हालत में या तो हमारे दिल की धड़कन बहुत तेज़ हो जाती है या फिर इसकी रिधम बहुत इर्रेगुलर हो जाती है। डॉक्टर्स बताते हैं की इसका सबसे मुख्य कारण है ज़रूरत से ज़्यादा एक्सरसाइज या कैफीन के सेवन करना, एंग्जायटी और स्ट्रेस। कुछ एरिथमिया कंडीशंस ऐसे होते हैं जो आपके शरीर को ज़्यादा परेशान नहीं करते पर कुछ कंडीशंस आपकी मृत्यु का कारण भी बन सकते हैं।
एरिथमिया 2 प्रकार का होता है:
कुछ लाइफस्टाइल चेंजेस करके हम एरिथमिया के कंडीशन से खुद को बचा सकते हैं। आप अपने स्ट्रेस और एंग्जायटी लेवल्स को मैडिटेशन और योग से ठीक कर सकते हैं। अपनी अल्कोहल, कैफीन और निकोटीन के सेवन को भी घटाने की कोशिश करें। ऐसे मेडिकेशन्स को भी अवॉयड करें जिससे आपको कफ या कोल्ड हो सकता है। स्टेरॉइड्स और न्यूट्रिशनल सुपल्लीमेंट्स से भी दूरी बना लें।
एरिथमिया को डेटसेट करने के लिए इन साइंस पर ध्यान दें:
कई लोग सडन हार्ट अरेस्ट और हार्ट अटैक में अंतर नहीं कर पाते हैं। हार्ट अटैक की वजह होती है जब आपके ब्लड वेसल्स आपका हार्ट तक ब्लड सही से नहीं पहुंचा पाते हैं। जिनको कभी ना कभी हार्ट अटैक आया है उन्हें एरिथमिया का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए एरिथमिया के सिम्पटम्स को ध्यान में रखें और अपने डॉक्टर से परामर्श करते रहें।
ये सार्वजनिक रूप से एकत्रित जानकारी है। यदि आपको किसी विशिष्ट सलाह की आवश्यकता है तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
क्या है एरिथमिया?
एरिथमिया एक मेडिकल कंडीशन है जिसमें हमारा ह्रदय अपनी प्रॉपर रिधम में नहीं धड़कता है। ऐसे हालत में या तो हमारे दिल की धड़कन बहुत तेज़ हो जाती है या फिर इसकी रिधम बहुत इर्रेगुलर हो जाती है। डॉक्टर्स बताते हैं की इसका सबसे मुख्य कारण है ज़रूरत से ज़्यादा एक्सरसाइज या कैफीन के सेवन करना, एंग्जायटी और स्ट्रेस। कुछ एरिथमिया कंडीशंस ऐसे होते हैं जो आपके शरीर को ज़्यादा परेशान नहीं करते पर कुछ कंडीशंस आपकी मृत्यु का कारण भी बन सकते हैं।
क्या है एरिथमिया के प्रकार?
एरिथमिया 2 प्रकार का होता है:
- टाचीकार्डिया: इस कंडीशन में आपके हार्ट रेट प्रति मिनट 100 से भी ज़्यादा होती है। इसके कुछ प्रकार आसानी से ट्रीट किये जा सकते हैं पर कुछ बहुत खतरनाक होते हैं। टाचीकार्डिया नार्मल फिजिकल एक्टिविटी के कारण भी ट्रिगर हो सकता है। कई बार इसके पीछे कोई मेडिकल कंडीशन भी हो सकती है।
- ब्रॉडीकार्डिया: ऐसे कंडीशन में आपके हार्ट रेट प्रति मिनट 60 के नीचे होती है। ये कंडीशन बहुत सीरियस होता है क्योंकि आपके ह्रदय में ऑक्सीजन रिच ब्लड सही से पंप नहीं हो पाता है।
कैसे बच सकते है हम एरिथमिया से?
कुछ लाइफस्टाइल चेंजेस करके हम एरिथमिया के कंडीशन से खुद को बचा सकते हैं। आप अपने स्ट्रेस और एंग्जायटी लेवल्स को मैडिटेशन और योग से ठीक कर सकते हैं। अपनी अल्कोहल, कैफीन और निकोटीन के सेवन को भी घटाने की कोशिश करें। ऐसे मेडिकेशन्स को भी अवॉयड करें जिससे आपको कफ या कोल्ड हो सकता है। स्टेरॉइड्स और न्यूट्रिशनल सुपल्लीमेंट्स से भी दूरी बना लें।
कैसे डिटेक्ट कर सकते हैं हम एरिथमिया को?
एरिथमिया को डेटसेट करने के लिए इन साइंस पर ध्यान दें:
- रैपिड हार्टबीट
- थकान या कमज़ोरी
- सांस फूलना
- दिल में दर्द
- चक्कर आना
कब हो सकता है एरिथमिया खतरनाक?
कई लोग सडन हार्ट अरेस्ट और हार्ट अटैक में अंतर नहीं कर पाते हैं। हार्ट अटैक की वजह होती है जब आपके ब्लड वेसल्स आपका हार्ट तक ब्लड सही से नहीं पहुंचा पाते हैं। जिनको कभी ना कभी हार्ट अटैक आया है उन्हें एरिथमिया का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए एरिथमिया के सिम्पटम्स को ध्यान में रखें और अपने डॉक्टर से परामर्श करते रहें।
ये सार्वजनिक रूप से एकत्रित जानकारी है। यदि आपको किसी विशिष्ट सलाह की आवश्यकता है तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लें।