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जानिए किस प्रकार उद्यमी बनकर सशक्त हुई सरोजिनी

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Swati Bundela
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अहमदनगर, पुणे से आई सरोजिनी  उन महिलाओं को प्रोत्साहना देती हैं जिन्हें उद्यमती बनना है। छोटे शहर से आई इन महिलाओं को कस्तूरी संस्था सहारा देती है। देखते हैं कि कैसे इन्होंने सरोजिनी की ज़िंदगी बदली।

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सरोजनी की कहानी

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राहुरी कस्बे, अहमदनगर से आई सरोजिनी तात्यासाहेब फड़तरे का जन्म 5 दिसंबर 1981 में हुआ।इनके पास 15 बीघा जमीन थी जहाँ इनके परिवार ने खेती की।  इन्होंने होम साइंस वोमेन्स कॉलेज जोफ होम साइंस, लोनी से 2004 में ग्रेजुएशन किया।



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इनके उद्यमती बनने की कहानी



2012 से 2014 तक इन्होंने एग्रो प्रोसेसिंग में प्रोडक्ट डेवलपर के तौर पे काम किया। 2014 में ही इन्होंने दो अलग किसानों के संघठन के मदद से समृद्धि एग्रो ग्रुप बनाया। थोड़े दिन का इन्होंने पुणे में सेल में अपना सामान बेचा और फिर बने बनाई खाद्य सामग्री, ग्लूटेन फ्री डाइट की चीज़ें बेचनी शुरू की।
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अब का सफ़र
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अब इनके फैक्ट्री में 37 लाख की इन्वेस्टमेंट होगयी है और इनके यहाँ जोवर, जोवर चिवड़ा, जोवर इडली मिक्स,मुल्टीग्रेन आटा, रागी डोसा, रागी रवा, रागी इडली मिक्स और बाजरा फलैक्स मिलती हैं। सबसे जयदा हैरानी की बात है कि ये अपना सामान नेथेरलैंड्स जैसे देशों में बेचती हैं और भारत के अन्य हिस्सों में भी।

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इनके फैक्ट्री में मिलेट की बनाई गई चीज़े बहुत मिलती हैं। उनके अनुसार इसके कई फायदे हैं जैसे कि इसके अंदर फाइबर है, ग्लूटेन मुक्त है, कम गलीसमिक है, ये डायबिटीज से पीछा छुड़ाता है और सलिएक रोगी के लिए ये सही रहता है।



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उद्यमती बनने के रास्ते में रुकावट



लोगों को इस व्यापार के बारे में कम पता है और लोग अभी भी ग्लूटेन मुक्त खाने के बारे में नहीं जानते। इन्हें अपने व्यापार को फैलाने के लिए जिस पब्लिसिटी और पैसे की ज़रूरत है, वो इनके पास नहीं है जिसके कारण बहुत लोगों तक इनका संदेश पहुँच नहीं पा रहा।



इन महिलाओं को इतने झूझने के बाद आर्थिक तंगी है , ये सुनकर आपको भी कुछ हुआ होगा। इनकी सहायता करें एवं इनके इस कदम को आगे बढ़ाए ।
वीमेन एंट्रेप्रेन्यूर्स
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