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हर जगह और हर क्षेत्र में महिअलों को श्रेणी में बाट दिया गया है। आप देखिये कि विज्ञापनों में कितनी ऐसी महिलाएं आपको नज़र आती हैं जिनकी उम्र कुछ 40 वर्ष से ऊपर की हो। यह तो सिर्फ एक उदाहरण है, लेकिन महिलाओं को वर्गों में विभाजित करना यहां तक सीमित नहीं है। अब अगर बात प्यार की हो, तो यह बहुत आम वक्तव्य है कि प्यार करने की कोई उम्र नहीं होती। शायद इसके पीछे छिपी एक बात यह है कि भले ही प्यार करने की उम्र न हो लेकिन प्यार करने के लिए आपको कुछ परीक्षाओं में खुद को साबित करना होगा। एक ऐसी ही परीक्षा है कि आप तलाकशुदा न हों। लेकिन प्रश्न यह है कि क्या तलाकशुदा महिलाओं को दोबारा प्यार करने का हक़ नहीं है?
बिलकुल है। वैसे यह प्रश्न उठाना भी काफी अजीब है। लेकिन जब हम समाज को चारो तरफ से देखेंगे, तो यह प्रश्न बिलकुल जायज़ लगेगा। इस प्रश्न का हालांकि संबोधन करना अजीब इसलिए है क्यूंकि यह किसी भी महिला की व्यक्तिगत ज़िंदगी के दायरे में आता है। और इसके बारे में हमे अपनी बेतुकी टिप्पड़ी करने की ज़रूरत बिलकुल नहीं है।
उन्होंने बताया कि यदि दो लोग साथ में खुश नहीं हैं, तो उनका अलग हो जाना ही बेहतर होता है। साथ ही, इससे बच्चों को भी परेशानियों का कम सामना करना पड़ता है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि प्यार की तलाश कभी रुकनी नहीं चाहिए और लोगों को अपने जीवन से तो प्यार करना कभी नहीं छोड़ना चाहिए।
इतना ही नहीं, हम सभी को रूढ़िवादियों को तोड़कर उनसे आगे बढ़ना चाहिए। हो सकता है लोग आपको ज़िद्दी या बागी कहें और आपके इस कदम की आलोचना भी करें। लेकिन अगर आप खुश नहीं हैं तो आपको समझौता करने की ज़रूरत नहीं है। खुद आगे बढ़कर अपने हक़ के लिए खड़ी हों। लोग कुछ करें या न करें, आपको सहस की दात ज़रूर देंगे।
बिलकुल है। वैसे यह प्रश्न उठाना भी काफी अजीब है। लेकिन जब हम समाज को चारो तरफ से देखेंगे, तो यह प्रश्न बिलकुल जायज़ लगेगा। इस प्रश्न का हालांकि संबोधन करना अजीब इसलिए है क्यूंकि यह किसी भी महिला की व्यक्तिगत ज़िंदगी के दायरे में आता है। और इसके बारे में हमे अपनी बेतुकी टिप्पड़ी करने की ज़रूरत बिलकुल नहीं है।
हाल ही में अभिनेत्री मलाइका अरोरा, करीना कपूर खान के रेडियो शो में आयी थीं। यह वो समय है जब उन्होंने खुलकर पहली बार अभिनेता अरबाज़ खान से अपने तलाक पर बात की।
उन्होंने बताया कि यदि दो लोग साथ में खुश नहीं हैं, तो उनका अलग हो जाना ही बेहतर होता है। साथ ही, इससे बच्चों को भी परेशानियों का कम सामना करना पड़ता है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि प्यार की तलाश कभी रुकनी नहीं चाहिए और लोगों को अपने जीवन से तो प्यार करना कभी नहीं छोड़ना चाहिए।
इतना ही नहीं, हम सभी को रूढ़िवादियों को तोड़कर उनसे आगे बढ़ना चाहिए। हो सकता है लोग आपको ज़िद्दी या बागी कहें और आपके इस कदम की आलोचना भी करें। लेकिन अगर आप खुश नहीं हैं तो आपको समझौता करने की ज़रूरत नहीं है। खुद आगे बढ़कर अपने हक़ के लिए खड़ी हों। लोग कुछ करें या न करें, आपको सहस की दात ज़रूर देंगे।