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क्यों आज के बच्चों को एक नारीवादी पिता की ज़रूरत है?

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Swati Bundela
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आज कल की पीढ़ी के पिता समाज में एक अच्छा संकेत दे रहें हैं। वे लैंगिक समानता को समझते हैं और इसलिए वे नारीवाद का समर्थन करते हैं। वे हर सार्थक कोशिश कर रहें हैं ताकि वे अपने बच्चों को समानता का पाठ पढ़ा सकें। यह देखना और भी सुखद है कि वे अपने बच्चों पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहें हैं और उन्हें भी इस चीज़ का प्रशिक्षण दे रहें हैं। आईये जानते हैं कि एक नारीवाद पिता कि हमें इतनी ज़रूरत क्यों है।

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रोल मॉडल्स चुनने में



बच्चों को हमेशा एक रोल मॉडल की ज़रूरत होती है जिसे देखकर वे अपने भविष्य के बारे में सोचते हैं। बेटियां अपने पिता के व्यवहार की बारीकी से जांच करती हैं ताकि वे महिलाओं के बारे में अपने पिता की धारणा जान सकें। इतना ही नहीं, इस प्रक्रिया का उनकी खुद की एक छवि बनाने में और उनके विकास में बड़ा योगदान होता है।

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लैंगिक रूढ़िवादियों से दूर



एक नारीवादी पिता को यह हमेशा पता होता है कि अपने बच्चे को लैंगिक रूढ़िवादी की चपेट में आने देना, एक गलत पालन-पोषण करने जैसा है। यह रूढिवद्धिता उनकी खुद की छवि को भी ख़राब कर सकती है। इसके साथ ही उनकी स्वतंत्रता पर अंकुश लगने की भी काफी संभावनाएं हैं। यह उनके भावनात्मक विकास पर भी असर करता है जिसके कारण वे जो बनना चाहते हैं, वह कभी नहीं बन पाते।

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समानता की अवधारणा को दोहराएं



सिर्फ समानता का पाठ पढ़ाना काफी नहीं है। नारीवादी पिता अपने बच्चों का नजरिया बदलने के लिए काफी प्रयास कर सकते हैं। अगर वे अपने बेटे को वह काम करने के लिए कहेंगे जो लड़कियों या महिलाओं के लिए निर्धारित किया गया है और लड़कियों से वह काम करने का आग्रह करेंगे जो लड़कों के लिए निर्धारित है, तो यह श्रम विभाजन के अवास्तविक विचार को खतम करने में सहायक होगा। यह प्रक्रियाएं बच्चों को आगे चलकर एक अच्छा व्यक्ति बनाने में मदद करती हैं।

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एहम मुद्दों पर बात करें



नारीवादी पिता सोशल मीडिया का इस्लत्माल करके काफी आसानी से लैंगिक असामानता और रूढ़िवादियों के मुद्दों को सामने ला सकतें हैं। अगर आप घर में ऐसी फ़िल्में देखें जो महिला-केंद्रित हैं और बच्चे भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दें, तो यह काफी अच्छी चर्चा होगी। उन्हें साथ ही समाचार पत्र पढ़ने को कहें और उन्हें समाज में जो भी चीज़ पसंद नहीं आती है, उसपर साथ बैठकर बात करें। अपने बेटे को यह शिक्षा दें कि महिलाओं के सामने एक नागरिक की तरह कैसे रहा जाये।

लैंगिक हिंसा को खतम करें



हर मोलेस्टर कभी एक छोटा बच्चा था। यही वह जगह है जहां नारीवादी पिता कदम रख सकते हैं। अपने बच्चों को अपनी राय और भावनाओं को व्यक्त करने की स्वतंत्रता देना एक अच्छे पालन-पोषण के लिए आधारशिला है। अपने बेटे को मर्दानगी की गलत धारणाओं से दूर करने में मदद करें।
#फेमिनिज्म सोशल मीडिया #नारीवादी पिता #लैंगिक हिंसा #समानता
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