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कब करना बंद करेंगे हम बेटियों का खंडन ?

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Swati Bundela
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लड़कियां आजकल हर जगह नाम रोशन कर रही है और ये दिखाना चाह रही है कि वो ज़िंदगी में सिर्फ एक पत्नी या माँ बनके नही रहना चाहती। उसे आगे बढ़ना है ,अपने आप को साबित करना है और अपने खुद की पसंद नापसंद चुन ने का पूरा हक है उसे।

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अलग अलग क्षेत्र में लड़कियो के जलवे देख लोग हैरान है और शायद अपनी सोच में सुधार ला रहे है, पर फिर भी भारत एक ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा है लड़कियों को गिराया जाता है।



राजस्थान और हरयाणा जैसे राज्यों में ये बहुत देखा गया है किंतु अब दक्षिण राज्यों किंतु दक्षिण राज्यों की आबादी इस चीज में घट रही है। इसके कई कारण है जो यह दर्शाते हैं कि क्यों माता और पिता अपने घर में बेटा चाहते हैं।
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क्या है वो कारण जिसकी वजह से भारत में बहुत लोग एक बेटा चाहते हैं



समाज के अनुसार बेटे को पैदा करके एक माता और पिता अपने आने वाली जिंदगी अच्छे से बता सकते हैं,इसीलिए कहीं ना कहीं बेटियों का न होना माता पिता को नहीं भाता। तकनीकी बढ़ाव और दवाइयों का गलत इस्तेमाल करते हुए यह समस्या और भी ज्यादा बढ़ चुकी है ।कई राज्यों में दहेज की समस्या होने के कारण इस रिवाज को और बढ़ावा दिया जा रहा है और यह काम बहुत आसानी से हो रहा है।
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क्यों एक लड़की को जन्म नहीं लेने दिया जाता?
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अक्सर यह देखा जाता है कि भारतीय पिता और माता एक शिशु को सिर्फ और सिर्फ अपने मतलब के लिए पैदा और बड़ा करते हैं। उन्हें फायदे और नुकसान से मतलब है जो कि लड़कियों के जिंदगी में ज्यादा है। समझा यह जाता है कि एक लड़का अपने माता पिता को उनके बुढ़ापे में उनकी सहायता करेगा और एक लड़की की शादी पर माता पिता को दूसरे परिवार को अपने पूरे जिंदगी की की गई कमाई दहेज में देनी पड़ेगी।

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नीची जाति के लोग ही नहीं करते हैं यह

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हैरानी की बात यह है कि यह कदाचार उन घरों में ही नहीं होता जहां लोग पढ़े-लिखे ना हो अपितु उन घरों में भी होता है जहां आर्थिक रूप से परिवार सशक्त हो और पढ़ा लिखा हो। सर्वेक्षण के अनुसार दिल्ली राज्य में सबसे ज्यादा लड़कियां दक्षिण दिल्ली में गिराए जाती हैं जिसे एक आर्थिक रूप से सशक्त जगह और पढ़े लिखे अभिजात वर्ग के लोग रहते हैं।



महिलाएं बढ़ाती देश का सम्मान



हमारा देश ऐसा है जहां 9 दिनों के त्यौहार में एक देवी को पूजा जाता है और बाकी समय उसका बलात्कार किया जाता है या कदाचार किया जाता है। बहुत से ऐसे माता-पिता हैं जो अपनी बेटियों की परवाह करते हैं चाहे उसकी शादी हुई हो या ना हुई हो और उन्हें बहुत सारे मौके भी दिए।



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लोग तो यह कहते हैं कि हमारे देश में नारी शक्ति और ऐसे कदाचार कभी खत्म नहीं होंगे लेकिन अगर कोई कोशिश ही ना करें तो कभी एक बेटी के होने की खुशी कभी किसी को पता नहीं चलेगी। इस गणतंत्र बहुत सारी महिलाओं ने हिस्सा लिया और अपने आप को साबित किया। ऐसे ही बहुत जगह जैसे खेल बॉलीवुड या कला और साहित्य में लड़कियों ने हमारा नाम रोशन किया है, और ऐसी ही लड़कियों को प्रेरणा बना के लोगों को लड़कियों का सम्मान एवं उनके घटती जनसंख्या को और बढ़ाना चाहिए तभी जाकर हमारा देश सच में एक ऐसा देश बनेगा जहां हर किसी को बराबरी का दर्जा दिया जाए।
#फेमिनिज्म
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