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थ्रिस्सूर निगम की मेयर अजिता विजयन 47 वर्षीय महिला हैं। उन्होंने पिछले ही सप्ताह मेयर का पद हासिल किया लेकिन फिर भी वह अपने पुराने पेशे से अलग नहीं होना चाहती हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट्स के हिसाब से वह पिछले 18 वर्षों से 200 घरों में दूध सप्लाई कर रही हैं और आगे भी करती रहेंगी।
उन्हें कई लोगों ने यह सलाह दी कि वे अब एक नयी शुरुआत करे क्यूंकि अब वह मेयर बन चुकी हैं। लेकिन इस पर अजिता ने कहा कि इससे वह लोगों से जुडी रहती हैं, जो मेयर कि कुर्सी भर पर बैठकर होना संभव नहीं है। अजिता विजयन कानीमंगलम वार्ड का दो बार प्रतिनितिध्व कर चुकी हैं। उनके शपथ समारोह के बाद लोगों ने दूध की सप्लाई के लिए दूसरे विकल्पों को खोजना शुरू कर दिया, लेकिन उन्होंने सबको यह कहकर आश्चर्यचकित कर दिया कि वे अपना पुराना काम नहीं छोड़ेंगी।
"मुझे रोल रिवर्सल पसंद नहीं है। मैं ये काम पिछले 18 वर्षों से कर रही हूँ और इसे जारी रखने के लिए उत्सुक हूँ। पद आते-जाते रहते हैं लेकिन हमे अपनी जड़ों से अलग नहीं होना चाहिए। मुझे लगता है कि हर काम का अपना ईमान होता है", अजिता ने कहा जो 20 वर्षों से सीपीआई कार्ड धारक हैं।
उनके पति विजयन, मिलमा में एक मिल्क बूथ चलाते हैं और वह पार्टी कार्यकर्ता भी हैं। अजिता वहां एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। उनकी मासिक आय 8,000 से 10,000 के बीच है। "मेरा दिन प्रातः 4:30 बजे शुरू होता है और सुबह 5:30 बजे के करीब मैं सड़क पर होती हूँ। मेरे सप्लाई का काम दो से तीन घंटों में ख़त्म हो जाता है। इसके बाद 9:30 बजे निगम का ऑफिस शुरू होता है", अजिता ने कहा।
अजिता ने पार्टी को आश्वासन दिया कि उनकी दूध विक्रेता की जॉब पार्टी के कामों से नहीं टकराएगी। "यह लोगों से जुड़े रहने का बहुत अच्छा तरीका है। मैं लोगों से हर सुबह मिलती हूँ और उनमे से काफी लोग अपनी परेशानियां मेरे सामने रखते हैं। यह मुझे तेज निर्णय लेने में बहुत मदद करता है"।
अजिता विजयन की इस सोच को सरहाना बेहद ज़रूरी है।
पढ़िए: पूर्व खिलाड़ी जगमती सांगवान का मेयर पद के लिए पहला नामांकन
उन्हें कई लोगों ने यह सलाह दी कि वे अब एक नयी शुरुआत करे क्यूंकि अब वह मेयर बन चुकी हैं। लेकिन इस पर अजिता ने कहा कि इससे वह लोगों से जुडी रहती हैं, जो मेयर कि कुर्सी भर पर बैठकर होना संभव नहीं है। अजिता विजयन कानीमंगलम वार्ड का दो बार प्रतिनितिध्व कर चुकी हैं। उनके शपथ समारोह के बाद लोगों ने दूध की सप्लाई के लिए दूसरे विकल्पों को खोजना शुरू कर दिया, लेकिन उन्होंने सबको यह कहकर आश्चर्यचकित कर दिया कि वे अपना पुराना काम नहीं छोड़ेंगी।
"मेरी पहली प्राथमिकता शहर को महिला अनुकूल बनाना है"।
"मुझे रोल रिवर्सल पसंद नहीं है। मैं ये काम पिछले 18 वर्षों से कर रही हूँ और इसे जारी रखने के लिए उत्सुक हूँ। पद आते-जाते रहते हैं लेकिन हमे अपनी जड़ों से अलग नहीं होना चाहिए। मुझे लगता है कि हर काम का अपना ईमान होता है", अजिता ने कहा जो 20 वर्षों से सीपीआई कार्ड धारक हैं।
उनके पति विजयन, मिलमा में एक मिल्क बूथ चलाते हैं और वह पार्टी कार्यकर्ता भी हैं। अजिता वहां एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। उनकी मासिक आय 8,000 से 10,000 के बीच है। "मेरा दिन प्रातः 4:30 बजे शुरू होता है और सुबह 5:30 बजे के करीब मैं सड़क पर होती हूँ। मेरे सप्लाई का काम दो से तीन घंटों में ख़त्म हो जाता है। इसके बाद 9:30 बजे निगम का ऑफिस शुरू होता है", अजिता ने कहा।
अजिता ने पार्टी को आश्वासन दिया कि उनकी दूध विक्रेता की जॉब पार्टी के कामों से नहीं टकराएगी। "यह लोगों से जुड़े रहने का बहुत अच्छा तरीका है। मैं लोगों से हर सुबह मिलती हूँ और उनमे से काफी लोग अपनी परेशानियां मेरे सामने रखते हैं। यह मुझे तेज निर्णय लेने में बहुत मदद करता है"।
अजिता विजयन की इस सोच को सरहाना बेहद ज़रूरी है।
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