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सोनम कपूर आहूजा को उनके विचारों और तरकीबों के बारे में जाना जाता है जब बात नारीवाद पे आती है। उन्होंने पहले भी इस बारे में और इस विषय पे इतना कुछ बोला है जिस से हमें ये पता है कि वो कठोर नारीवाद है। फिक्की के साथ इस वार्तालाप में सोनम कपूर ने बताया कि कैसे उन्होंने वही फिल्मो का चयन किया जिन्हें वो करना चाहती थी और लोगों का नज़रिया बदल के अपनी कहानी सबको बताना चाहती हैं।
जब उनसे ये पूछा गया कि उन्होंने नीरजा और एक लडक़ी को देखा तो ऐसा लगा जैसे फिल्मों का चयन क्यों किया, तो उन्होंने कहा कि “ मुझे लगता है कि महिलाओं पुरषों के बराबर हैं और उतनी ही समझदार और सक्षम हैं जितने की पुरूष। जब मुझे लगा कि मेरे रोल्स मेरे लिए नहीं बने तो मैंने अपनी जगह खुद बना ली। मेरे पिता एक नारीवाद हैं और मेरी माँ एक लिबरल हैं, पर जब मैं इस फ़िल्म जगत में आई तो मुझे पता लगा कि ये मेरा यूटोपिया नहीं है, यहाँ मुझे एक औरत की तरह ही समझा जाता है’।
सोनम जैसे व्यक्त्वि को किसी पुरुष की ज़रूरत नहीं है पर उनका ये मानना है कि उनके पति ने उन्हें ये साहस दिया कि वो उनके बराबर है “मैं एक ऐसी इंसान हूँ जो कि एक पुरुष को कोई क्रेडिट नहीं देती पर मुझे अपने पति को ये देना होगा क्योंकि उन्होंने अपने नाम के बीच में मेरा नाम जोड़ा है। उनका नाम अब आनंद सोनम आहूजा है और ये कॉन्फिडेंस मुझे अपने पति से मिला है। अब मैं ये कहने में हिचकिचाहट नहीं करती की मैं अच्छी हूँ या फैबुलस हूँ।
उन्होंने अंत काफ़ी प्रेरणादायक तरीके से किया जब उन्होंने कहा कि “ आप रोज सुबह उठ कर अपने आप को शीशे में देख के कहिये की मैं फैबुलस हूँ और ये की मेरे साथ आज तक जितनी भी अच्छी चीज़े हुई है, उनमें मैं बेस्ट हूँ ।
जब उनसे ये पूछा गया कि उन्होंने नीरजा और एक लडक़ी को देखा तो ऐसा लगा जैसे फिल्मों का चयन क्यों किया, तो उन्होंने कहा कि “ मुझे लगता है कि महिलाओं पुरषों के बराबर हैं और उतनी ही समझदार और सक्षम हैं जितने की पुरूष। जब मुझे लगा कि मेरे रोल्स मेरे लिए नहीं बने तो मैंने अपनी जगह खुद बना ली। मेरे पिता एक नारीवाद हैं और मेरी माँ एक लिबरल हैं, पर जब मैं इस फ़िल्म जगत में आई तो मुझे पता लगा कि ये मेरा यूटोपिया नहीं है, यहाँ मुझे एक औरत की तरह ही समझा जाता है’।
“मेरा ये मानना है कि हार्ड फिल्म्स को चुन ने का मेरा विकल्प इसलिए भी है क्योंकि मेरे पास एक सेफ्टी नेट है। " -
सोनम जैसे व्यक्त्वि को किसी पुरुष की ज़रूरत नहीं है पर उनका ये मानना है कि उनके पति ने उन्हें ये साहस दिया कि वो उनके बराबर है “मैं एक ऐसी इंसान हूँ जो कि एक पुरुष को कोई क्रेडिट नहीं देती पर मुझे अपने पति को ये देना होगा क्योंकि उन्होंने अपने नाम के बीच में मेरा नाम जोड़ा है। उनका नाम अब आनंद सोनम आहूजा है और ये कॉन्फिडेंस मुझे अपने पति से मिला है। अब मैं ये कहने में हिचकिचाहट नहीं करती की मैं अच्छी हूँ या फैबुलस हूँ।
उन्होंने अंत काफ़ी प्रेरणादायक तरीके से किया जब उन्होंने कहा कि “ आप रोज सुबह उठ कर अपने आप को शीशे में देख के कहिये की मैं फैबुलस हूँ और ये की मेरे साथ आज तक जितनी भी अच्छी चीज़े हुई है, उनमें मैं बेस्ट हूँ ।