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जब नेतृत्व की बात होती है, तो आज भी काफी लोग एक पुरुष की ही कल्पना करते हैं। लेकिन, नेतृत्व का कोई लिंग नहीं होता। महिलाएं आज विभिन्न क्षेत्रों में अपने नेतृत्व की प्रस्तुति कर रही हैं। हालांकि, उन्हें अपने नेतृत्व को दिखाने के अवसर कम मिले हैं। कौन महान नेता है, यह पहचानना बेहद मुश्किल है जब तक हम एक महान नेता के लक्षण नहीं पहचान लेते। इसलिए, महिलाओं के नेतृत्व के कुछ अद्वितीय लक्षणों पर नज़र डालना ज़रूरी है।
अवसर-संचालित होना कोई गलत बात नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति को बढ़ने में मदद करता है। चाहे कितनी भी कड़ी चुनौती क्यों न हो, महिलाएं उसमे कोई न कोई अवसर ढूंढ ही लेती हैं। यहां अवसर का मतलब हर चुनौती से नयी चीज़ों को सीखना और उससे लड़ना है।
महिलाओं के अंदर असीम धैर्य होता है। वह उन चीज़ों के लिए लड़ने से डरतीं, जिन पर वह विश्वास करती हैं। वह असफलताओं को स्वीकार करके उनसे नयी चीज़ें सीखती हैं। अवसर, आशावादी लोगों को अधिक प्राप्त होते हैं, और महिलाएं आशावाद से परिपूर्ण होती हैं।
ऐतिहासिक तौर पर महिलाओं को भावनात्मक नेता कहा जाता रहा है। लेकिन, क्या ये गलत लक्षण है? महिलाएं जो भी करती हैं, वे उसके लिए भावुक होती हैं और भावुक होना एक बहुत मज़बूत लक्षण है। बहुत लोग यह मानते हैं की महिलाएं कभी भी अपनी चीज़ों से संतुष्ट नहीं होती। लेकिन, वे क्यों संतुष्ट हों? क्या आगे बढ़ना और उत्कृष्टता के लिए प्रयास करना गलत है?
महिला नेता दूसरों को प्रेरणा देना बहुत पसंद करती हैं। वे कड़ी मेहनत करतीं हैं ताकि वे दूसरों को और खुद को निराश न करें। उनके अपने जीवन के उच्च मान्य होते हैं। वे अच्छी श्रोता और बेहतरीन नेटवर्कर होती हैं। वे हमेशा खुद को ही सर्वोच्च स्थापित करने का प्रयास नहीं करतीं बल्कि अन्य लोगों को भी मौके देती हैं। वे सामूहिक नेतृत्व के विचार का समर्थन करती हैं जिससे बहुत सारे अवसरों का उजागर होता है।
यह सच है कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले अन्य पहलुओं पर ध्यान देना आसान समझती हैं। साथ ही, यह एक महान नेता की खूबी भी है। वैज्ञानिक तरीके से यह तथ्य है कि महिलाएं पुरुषों से बेहतर मल्टीटास्कर होती हैं। अपने करियर को बनाना, घर संभालना, बच्चों को देखना, आदि आसान नहीं है। लेकिन, इसमें कोई शक नहीं है कि महिलाएं इन कामो में बेहतर होती हैं।
महिलाएं नेतृत्व करते समय उन तनावों से जूझती हैं, जिन्हें बाकि लोग समझ भी नहीं सकते। चाहे वह काम का दबाब हो, घरों की परेशानियां हों या आने वाली मीटिंग्स हों, महिलाएं इन सब को संभालने में सक्षम होती हैं। वह यह सभी काम बहुत संगठित तरीके से करती हैं।
सहानुभूति एक ताकतवर यंत्र है और हर कोई इसका इस्तमाल नहीं करता। महिलाओं के अंदर लोगों को और उनकी भावनाओं को समझने की काफी क्षमता होती है। कर्मचारियों के मन में डर होना या कमज़ोरी का एहसास होना स्वाभाविक है, लेकिन महिलाएं इन चीज़ों को तुरंत पहचान लेती हैं। वे नाज़ुक स्तिथियों को अच्छी तरह से समझती हैं और उन्हें प्रभावी रूप से संभालती हैं। इसलिए महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले काफी सहकारी और समझदार मन जाता है।
यह कहा जाता है कि जब महिलाएं एक दूसरे का साथ देती हैं, तब अजूबे होते हैं। चाहे घर हो या कार्यस्थल, महिलाएं सबको एक बंधन में बाँध के रखतीं हैं। बहनचारे से बढ़कर कुछ नहीं है और वर्ष 2018 इसकी मिसाल रहा है। महिलाएं तनाव भरे वातावरण को महसूस कर लेती हैं और संभावित परेशानियों से निपटने का निवारण भी खोज लेती हैं। उनके नेतृत्व में सहयोगी वातावरण का एहसास होता है।
काफी महिलाओं के लिए उद्यमशीलता एक जीवन जीने का तरीका है। महिलाएं अत्यधिक प्रभावी मानी जातीं हैं, चाहे घर हो या कार्यस्थल। वे यह सुनिश्चित करती हैं कि सभी लोगों के जीवन में सही ज्ञान और मूल्य हों। अपने आस-पास देखिये कि कैसे महिलाएं सारी रूढ़िवादियों को तोड़कर आगे बढ़ रही हैं। क्या यह नेतृत्व के लक्षण नहीं हैं?
पढ़िए: यह सुझाव आपको बेहतर नेतृत्व करने में मदद करेंगे
महिलाएं अवसर-संचालित होती हैं
अवसर-संचालित होना कोई गलत बात नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति को बढ़ने में मदद करता है। चाहे कितनी भी कड़ी चुनौती क्यों न हो, महिलाएं उसमे कोई न कोई अवसर ढूंढ ही लेती हैं। यहां अवसर का मतलब हर चुनौती से नयी चीज़ों को सीखना और उससे लड़ना है।
छिपे हुए अवसरों को ढूंढ़ने का मतलब है कि आप किसी गिलास को आधा खाली नहीं बल्कि आधा भरा हुआ देखते हैं और महिलाएं तो इस काम में स्वामी होती हैं।
महिलाओं के अंदर असीम धैर्य होता है। वह उन चीज़ों के लिए लड़ने से डरतीं, जिन पर वह विश्वास करती हैं। वह असफलताओं को स्वीकार करके उनसे नयी चीज़ें सीखती हैं। अवसर, आशावादी लोगों को अधिक प्राप्त होते हैं, और महिलाएं आशावाद से परिपूर्ण होती हैं।
महिलाएं भावुक होती हैं
ऐतिहासिक तौर पर महिलाओं को भावनात्मक नेता कहा जाता रहा है। लेकिन, क्या ये गलत लक्षण है? महिलाएं जो भी करती हैं, वे उसके लिए भावुक होती हैं और भावुक होना एक बहुत मज़बूत लक्षण है। बहुत लोग यह मानते हैं की महिलाएं कभी भी अपनी चीज़ों से संतुष्ट नहीं होती। लेकिन, वे क्यों संतुष्ट हों? क्या आगे बढ़ना और उत्कृष्टता के लिए प्रयास करना गलत है?
बहुत लोग यह कहते हैं कि महिलाएं चीज़ों पर नियंत्रण करना पसंद हैं। वह इसलिए क्यूंकि वे उस गति को नहीं खोना चाहतीं जो लक्ष्यों को हासिल करने के लिए ज़रूरी है।
सही निर्णय लेने की क्षमता
महिला नेता दूसरों को प्रेरणा देना बहुत पसंद करती हैं। वे कड़ी मेहनत करतीं हैं ताकि वे दूसरों को और खुद को निराश न करें। उनके अपने जीवन के उच्च मान्य होते हैं। वे अच्छी श्रोता और बेहतरीन नेटवर्कर होती हैं। वे हमेशा खुद को ही सर्वोच्च स्थापित करने का प्रयास नहीं करतीं बल्कि अन्य लोगों को भी मौके देती हैं। वे सामूहिक नेतृत्व के विचार का समर्थन करती हैं जिससे बहुत सारे अवसरों का उजागर होता है।
पुरुषों के लिए महिलाओं के सोचने और कार्य करने के तरीकों को समझना मुश्किल हो सकता है, जब तक वे महिलाओं से निकट रूप से प्रभावित न हुए हों।
मल्टीटास्कर्स
यह सच है कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले अन्य पहलुओं पर ध्यान देना आसान समझती हैं। साथ ही, यह एक महान नेता की खूबी भी है। वैज्ञानिक तरीके से यह तथ्य है कि महिलाएं पुरुषों से बेहतर मल्टीटास्कर होती हैं। अपने करियर को बनाना, घर संभालना, बच्चों को देखना, आदि आसान नहीं है। लेकिन, इसमें कोई शक नहीं है कि महिलाएं इन कामो में बेहतर होती हैं।
महिलाएं काम और गृहकार्य दोनों ही बहुत अधिक करती हैं।
तनाव को सहन करने की क्षमता
महिलाएं नेतृत्व करते समय उन तनावों से जूझती हैं, जिन्हें बाकि लोग समझ भी नहीं सकते। चाहे वह काम का दबाब हो, घरों की परेशानियां हों या आने वाली मीटिंग्स हों, महिलाएं इन सब को संभालने में सक्षम होती हैं। वह यह सभी काम बहुत संगठित तरीके से करती हैं।
सहानुभूति
सहानुभूति एक ताकतवर यंत्र है और हर कोई इसका इस्तमाल नहीं करता। महिलाओं के अंदर लोगों को और उनकी भावनाओं को समझने की काफी क्षमता होती है। कर्मचारियों के मन में डर होना या कमज़ोरी का एहसास होना स्वाभाविक है, लेकिन महिलाएं इन चीज़ों को तुरंत पहचान लेती हैं। वे नाज़ुक स्तिथियों को अच्छी तरह से समझती हैं और उन्हें प्रभावी रूप से संभालती हैं। इसलिए महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले काफी सहकारी और समझदार मन जाता है।
सभी के साथ टीम वर्क करना
यह कहा जाता है कि जब महिलाएं एक दूसरे का साथ देती हैं, तब अजूबे होते हैं। चाहे घर हो या कार्यस्थल, महिलाएं सबको एक बंधन में बाँध के रखतीं हैं। बहनचारे से बढ़कर कुछ नहीं है और वर्ष 2018 इसकी मिसाल रहा है। महिलाएं तनाव भरे वातावरण को महसूस कर लेती हैं और संभावित परेशानियों से निपटने का निवारण भी खोज लेती हैं। उनके नेतृत्व में सहयोगी वातावरण का एहसास होता है।
महिलाओं के पास उद्यमशीलता का गुण होता है
काफी महिलाओं के लिए उद्यमशीलता एक जीवन जीने का तरीका है। महिलाएं अत्यधिक प्रभावी मानी जातीं हैं, चाहे घर हो या कार्यस्थल। वे यह सुनिश्चित करती हैं कि सभी लोगों के जीवन में सही ज्ञान और मूल्य हों। अपने आस-पास देखिये कि कैसे महिलाएं सारी रूढ़िवादियों को तोड़कर आगे बढ़ रही हैं। क्या यह नेतृत्व के लक्षण नहीं हैं?
पढ़िए: यह सुझाव आपको बेहतर नेतृत्व करने में मदद करेंगे