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भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में महिलाओं को एक ऐसी नज़र से देखा जाता है जहाँ अगर उन्होंने साज सज्जा न कर रखी हो तो उन्हें सुंदर नहीं समझा जाता और उन्हें कोई पसंद नहीं करता। लड़कियों को हमेशा टिप टॉप दिखना होता है, फेस पैक लगाने होते हैं ताकि उनका निखार बना रहे, लिपस्टिक लगाना पड़ता है ताकि वो लोगों की आंखों को सुहा पाये, दर्द सहकर अपने शरीर के बाल निकलने पड़ते हैं क्योंकि लोगों के अनुसार वो सुंदरता में एक बाधा बनते हैं।
कुछ बातें
बात ये है कि ये आदत हमें इतनी है कि बिना सजे धझे हम घर से बाहर नहीं निकलना चाहते, अगर हम सलून जाए तो वैक्सिंग करवाने के लिए हमें अत्यंत दर्द झेलना पड़ता है, किन्तु फिर भी हम अपने घर से बिना ये सब किये नहीं निकलते क्योंकि समाज की नजरें हमपे होती हैं। ऐसे ही कहने को तो ढीले ढाले कपड़े पहन ना सबको पसंद है किंतु बाहर निकलते वक्त आपको फिटिंग वाले कपड़े पहन ने होते हैं। कई कई बार एक नई नवेली दुल्हन को भी रोज़ रोज़ सजना सवारना होता है बस इसलिए क्योंकि लोग देखने आते हैं।
ये समाज की एक अनकही बात या प्रथा है कि औरतों को अच्छा दिखना है, अपने पति, लोगो को आकर्षित करने के लिए। उनके अनुसार एक महिला सिर्फ दूसरों को भाने के लिए बनी है। उन्हें हर समय अपने आप को स्वछ और सुंदर रखना होता है चाहें वो बच्चों के साथ खेलें या ऑफिस जाए। चाहे वो कितनी भी असुविधाजनक परिस्थितियों में हो। ऑफिस में काम करती महिलाओ में भी उनपे ज्यादा ध्यान दिया जाता है जोकि रोज़ अच्छा दिखती हो या मेकअप करके आती हो। सच हो या नाह हो ,पर बॉलीवुड में भी एक एक्ट्रेस को हर समय अच्छा दिखना होता है। अगर वो ऐसा नहीं करती तो लोग उसके बारे में बुरा भला कहते है या ताने कसते हैं।
इसलिए अगली बार जब आप ऐसी महिला से मिले जिसका स्वरूप आपके इच्छा अनुसार न हो, उसको ताने कसने की बजाए उसकी तारिफ करें क्योंकि वो समाज के दबाव में नहीं आयी। इसके लिए हमें खुद को भी समझाना पड़ेगा कि हम बस लोगों के आकर्षण मात्र के लिए नहीं बनी।
कुछ बातें
- औरतों को हमेशा अच्छा दिखना होता है
- अगर वो अच्छी तरह नहीं सजती सवर्ती तो उन्हें गंदा या आलसी समझा जाता है
- अच्छे लगने का मतलब ये नहीं है कि आप का व्यवहार या तौर तरीका कैसा है, बल्कि ये की आप कैसे दिख रहे हैं।
- लोगों का ये मानना है कि जो महिला अच्छी तरह तैयार होती है, वो बुद्धिमान और अच्छे व्यवहार की है।
बात ये है कि ये आदत हमें इतनी है कि बिना सजे धझे हम घर से बाहर नहीं निकलना चाहते, अगर हम सलून जाए तो वैक्सिंग करवाने के लिए हमें अत्यंत दर्द झेलना पड़ता है, किन्तु फिर भी हम अपने घर से बिना ये सब किये नहीं निकलते क्योंकि समाज की नजरें हमपे होती हैं। ऐसे ही कहने को तो ढीले ढाले कपड़े पहन ना सबको पसंद है किंतु बाहर निकलते वक्त आपको फिटिंग वाले कपड़े पहन ने होते हैं। कई कई बार एक नई नवेली दुल्हन को भी रोज़ रोज़ सजना सवारना होता है बस इसलिए क्योंकि लोग देखने आते हैं।
आज के समय में अच्छे दिखने का मतलब है अच्छे से कपड़े पहन ना। पर ये सोच आजकल पुरुषों पे भी लागू है। उन्हें भी अपने स्वरूप को लेकर बहुत ताने और तंज कसे जाते हैं किंतु उतना नहीं जितना कि महिलाएं। इसके परिणाम में हम हर दिन अपना ढेर पैसा और समय इसपे लगा देते हैं।
ये समाज की एक अनकही बात या प्रथा है कि औरतों को अच्छा दिखना है, अपने पति, लोगो को आकर्षित करने के लिए। उनके अनुसार एक महिला सिर्फ दूसरों को भाने के लिए बनी है। उन्हें हर समय अपने आप को स्वछ और सुंदर रखना होता है चाहें वो बच्चों के साथ खेलें या ऑफिस जाए। चाहे वो कितनी भी असुविधाजनक परिस्थितियों में हो। ऑफिस में काम करती महिलाओ में भी उनपे ज्यादा ध्यान दिया जाता है जोकि रोज़ अच्छा दिखती हो या मेकअप करके आती हो। सच हो या नाह हो ,पर बॉलीवुड में भी एक एक्ट्रेस को हर समय अच्छा दिखना होता है। अगर वो ऐसा नहीं करती तो लोग उसके बारे में बुरा भला कहते है या ताने कसते हैं।
इसलिए अगली बार जब आप ऐसी महिला से मिले जिसका स्वरूप आपके इच्छा अनुसार न हो, उसको ताने कसने की बजाए उसकी तारिफ करें क्योंकि वो समाज के दबाव में नहीं आयी। इसके लिए हमें खुद को भी समझाना पड़ेगा कि हम बस लोगों के आकर्षण मात्र के लिए नहीं बनी।