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महिला एक लिंग नहीं बल्कि साहस और प्रेरणा का स्त्रोत है

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Swati Bundela
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क्यों महिलाएं विश्व में आज इतने ऊँचे पायदान पे नहीं हैं या क्यों वो बड़ी नेता नहीं हैं? इसके पीछे कई कारण हैं कि क्यों ये समाज का एक कड़वा सच है। जब भी हम अपने आस पास देखते हैं तो यही मिलता है कि कैसे बहुत सी लड़कियां अपने रूप रंग को लेकर कॉन्शियस होती है तो कुछ को बहुत घमंड होता है। हम ने औरतों को उसी जगह रहना सिखाया है जहाँ वो बरसो से रह रही हैं। एक तरफ़ हम पुरुषों को अपनी बात बोलना सिखाते हैं तो दूसरी और महिलाओं को ये की वो पुरुषों को बिना सवाल किए स्वीकार करले।

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आप शुरुआत से ही उन्हें एक तरीके में बदलाव लाने को कहते हैं। इस वजह वो अपने आइडियाज या सोच अपने पास ही रखती है, तब भी जब उनके परिवार की कोई बात हो। चूंकि शुरआत से ही उन्हें ऐसा रहने को कहा जाता है, वो आप पर से भरोसा छोड़ देती हैं और ये त्याग देती हैं कि आखिर वो समाज के बारे में क्या सोचती हैं।



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कुछ बातें हैं जो हर औरत अपना सकती है सशक्त बनने के लिए। 



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1. अपने लिए खड़े होना सीखिए

2. आपको जो बोलना है आप सही समय और जगह पे बोलिये
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3. अपने इमोशन को छुपाइये या दबाइये मत

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4. अपनी एहिमियत जानिए और हर सुबह खुद से कहिये की आप खूबसूरत हैं और आप में कोई कमी नहीं है

5. अपने बाहरी सुंदरता को लेके घबराइए मत
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6. दीवारों से मत घबराइए, नियम तोड़िये और कॉन्फिडेंस पाइए।

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इस से पहले हम आगे बढ़े हमें ये जानना चाहिए कि कुछ महिलाएं अपने शरीर को एक कैद खाने की तरह समझती हैं जिस से वो कभी बाहर नहीं निकल पाएंगी। एक क्षण के लिए ये जानिए की आपका मोटापा या रूप रंग आपको डिफाइन नहीं करता। अक्सर औरतों के मुताबिक उनका शरीर उनके लिए ये एक जेल है।



जहाँ सारे पुरुष आपस में अपनी मंज़िल पाने के लिए लड़ रहे हैं, वही हमारी आवाज़ दब रही है। हमें ये समझना चाहिए कि महिला एक लिंग नहीं बल्कि साहस और प्रेरणा का स्त्रोत है। अपने आप को रोकना केवल इसलिए क्योंकि पुरूष नहीं रुक रहा बेवकूफी है, समय आगया है कि हम सब ऐसे नियम तोड़े और आगे बढ़े।
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