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अगर भारतीय समाज और यहां के तौर-तरीकों की बात की जाये तो ऐसी काफी बातें हैं जो किसी अंधविश्वास और अतार्किक अवधारणा की नींव पर टिकी हुई हैं। ऐसा लगता है कि लोग बदलाव तो चाहते हैं लेकिन उसके प्रस्ताव से डरते हैं। हमारे समाज अविवाहित महिलाओं को एक अलग नज़रिये से देखा जाता है। लोग को यह अटपटा लगता है कि समाज में कोई महिला अविवाहित है। और फिर क्या, भारतीय लोगों की तो खूबी ही यही है कि वे अपने अमूल्य सुझाव किसी को देने से पीछे नहीं हटते।
देखा जा सकता है कि आज कल कुछ लोग परिवर्तन को स्वीकार कर रहे हैं। वे उन चीज़ों की पहल कर रहें हैं और उन मुद्दों पर बात कर रहें हैं जिन्हें समाज के गिने-चुने लोगों ने ही उठाया है। इसलिए समय अब मानसिकता में बदलाव लाने का है। आईये गौर करते है उन प्रश्नों पर जो हमे किसी अविवाहित और अकेली महिला से नहीं पूछने चाहिए।
अगर यह प्रश्न आप किसी अविवाहित और अकेली महिला से पूछ रहे हैं तो गौर कीजिये कि इस प्रश्न में पहले से ही एक कल्पना शामिल है। वह यह कि विवाहित महिलाएं ज्यादातर अपना खाली समय अपने परिवार या पति के साथ व्यतीत करती हैं। लेकिन ध्यान रहे कि एन्जॉय करने की परिभाषा में हमेशा कोई और व्यक्ति आये, यह ज़रूरी नहीं है। इन महिलाओं ने पहले ही खुद के अविवाहित रहने के निर्णय से काफी बार यह बातें महसूस की होंगी। इसलिए हमें अकेली महिलाओं से यह प्रश्न पूछने से बचना चाहिए।
अब भला यह कैसा प्रश्न हुआ। देखा जाये तो यह प्रश्न नहीं है, यहां पर आप अपनी सोच की प्रस्तुति कर रहे हैं। और अगर गलती से भी किसी महिला ने इसका उत्तर आपके अनुसार दे दिया, फिर तो आप स्वयं को इसी सोच-विचार में कैद कर लेंगे। सच बात यह है कि इसका जवाब काफी अनुमानित है। कभी-कभी उन महिलाओं को स्वयं में अकेला महसूस हो सकता है। लेकिन अविवाहित रहना उनका खुद का निर्णय था। इसलिए अगर आप उनका समर्थन नहीं करना चाहते तो मत कीजिये। कोशिश कीजिये कि आप अपनी टिप्पीड़ियों का इस्तमाल किसी का प्रोत्साहन बढ़ाने में करें।
मुझे नहीं लगता कि नारीवादी होने में और अविवाहित होने में कोई सम्बन्ध है भी। काफी लोग इस अवधारणा को मानते हैं कि अगर आप नारीवादी हैं, तो जायज़ है की आप स्वतंत्र विचारधारा वाली होंगी। हो सकता है आप उग्र भी हों। शायद इसलिए आपको लगता कि उन महिलाओं ने अकेला रहना चुना क्यूंकि वे विवाह नाम का समझौता नहीं करना चाहतीं। यह सच हो सकता है लेकिन यह प्रश्न इस सन्दर्भ में सटीकता बिलकुल नहीं दर्शाता।
सच है कि अगर आपको अपनी पेशेवर ज़िंदगी में कुछ हासिल करना है तो आपको पूरी मेहनत, लगन, और दृढ़-निश्चय के साथ काम करना पड़ेगा। लेकिन इस काम का भार आपको विवाह करने से नहीं रोक सकता। समाज का एक तबका यह मान कर बैठा हुआ है कि यह महिलाएं अपने काम को हटाकर अपनी वैवाहिक जिम्मेदारियों को नहीं संभालना चाहतीं, इसलिए वे अकेली हैं। सही मानें तो यह सभी प्रश्न काफी मिलते-जुलते हैं और यह आपके अंदर की जिज्ञासा से प्रेरित होते हैं।
यहां प्रतिबद्ध व्यक्ति का मतलब उन महिलाओं से है जो काफी कमिटमेंट फोबिक हो। समाज के हिसाब से विवाह की संस्था कहीं-न-कहीं आपसे और खासकर महिलाओं से एक प्रतिबद्धता की अपेक्षा करती है। इसलिए यह सोचा जाता है कि जो लोग प्रतिबद्ध नहीं हैं, वे इस संस्था के लिए अनुकूल नहीं हैं। लेकिन फिर भी, हमें इस तरह से प्रश्न पूछने से बचना चाहिए। इन प्रश्नों से सीधे या परोक्ष रूप से किसी महिला की प्रतिष्ठा पर शक जाता रहे हैं।
देखा जा सकता है कि आज कल कुछ लोग परिवर्तन को स्वीकार कर रहे हैं। वे उन चीज़ों की पहल कर रहें हैं और उन मुद्दों पर बात कर रहें हैं जिन्हें समाज के गिने-चुने लोगों ने ही उठाया है। इसलिए समय अब मानसिकता में बदलाव लाने का है। आईये गौर करते है उन प्रश्नों पर जो हमे किसी अविवाहित और अकेली महिला से नहीं पूछने चाहिए।
आप खाली समय में कैसे एन्जॉय करती हैं?
अगर यह प्रश्न आप किसी अविवाहित और अकेली महिला से पूछ रहे हैं तो गौर कीजिये कि इस प्रश्न में पहले से ही एक कल्पना शामिल है। वह यह कि विवाहित महिलाएं ज्यादातर अपना खाली समय अपने परिवार या पति के साथ व्यतीत करती हैं। लेकिन ध्यान रहे कि एन्जॉय करने की परिभाषा में हमेशा कोई और व्यक्ति आये, यह ज़रूरी नहीं है। इन महिलाओं ने पहले ही खुद के अविवाहित रहने के निर्णय से काफी बार यह बातें महसूस की होंगी। इसलिए हमें अकेली महिलाओं से यह प्रश्न पूछने से बचना चाहिए।
क्या आप अकेला महसूस नहीं करतीं?
अब भला यह कैसा प्रश्न हुआ। देखा जाये तो यह प्रश्न नहीं है, यहां पर आप अपनी सोच की प्रस्तुति कर रहे हैं। और अगर गलती से भी किसी महिला ने इसका उत्तर आपके अनुसार दे दिया, फिर तो आप स्वयं को इसी सोच-विचार में कैद कर लेंगे। सच बात यह है कि इसका जवाब काफी अनुमानित है। कभी-कभी उन महिलाओं को स्वयं में अकेला महसूस हो सकता है। लेकिन अविवाहित रहना उनका खुद का निर्णय था। इसलिए अगर आप उनका समर्थन नहीं करना चाहते तो मत कीजिये। कोशिश कीजिये कि आप अपनी टिप्पीड़ियों का इस्तमाल किसी का प्रोत्साहन बढ़ाने में करें।
क्या आप नारीवादी हैं?
मुझे नहीं लगता कि नारीवादी होने में और अविवाहित होने में कोई सम्बन्ध है भी। काफी लोग इस अवधारणा को मानते हैं कि अगर आप नारीवादी हैं, तो जायज़ है की आप स्वतंत्र विचारधारा वाली होंगी। हो सकता है आप उग्र भी हों। शायद इसलिए आपको लगता कि उन महिलाओं ने अकेला रहना चुना क्यूंकि वे विवाह नाम का समझौता नहीं करना चाहतीं। यह सच हो सकता है लेकिन यह प्रश्न इस सन्दर्भ में सटीकता बिलकुल नहीं दर्शाता।
क्या आप काम बहुत ज्यादा करती हैं?
सच है कि अगर आपको अपनी पेशेवर ज़िंदगी में कुछ हासिल करना है तो आपको पूरी मेहनत, लगन, और दृढ़-निश्चय के साथ काम करना पड़ेगा। लेकिन इस काम का भार आपको विवाह करने से नहीं रोक सकता। समाज का एक तबका यह मान कर बैठा हुआ है कि यह महिलाएं अपने काम को हटाकर अपनी वैवाहिक जिम्मेदारियों को नहीं संभालना चाहतीं, इसलिए वे अकेली हैं। सही मानें तो यह सभी प्रश्न काफी मिलते-जुलते हैं और यह आपके अंदर की जिज्ञासा से प्रेरित होते हैं।
क्या आप प्रतिबद्धता को मानती हैं?
यहां प्रतिबद्ध व्यक्ति का मतलब उन महिलाओं से है जो काफी कमिटमेंट फोबिक हो। समाज के हिसाब से विवाह की संस्था कहीं-न-कहीं आपसे और खासकर महिलाओं से एक प्रतिबद्धता की अपेक्षा करती है। इसलिए यह सोचा जाता है कि जो लोग प्रतिबद्ध नहीं हैं, वे इस संस्था के लिए अनुकूल नहीं हैं। लेकिन फिर भी, हमें इस तरह से प्रश्न पूछने से बचना चाहिए। इन प्रश्नों से सीधे या परोक्ष रूप से किसी महिला की प्रतिष्ठा पर शक जाता रहे हैं।