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अगर आज भी देखा जाये तो लोग गृहणियों और काम-काज़ी महिलाओं को अलग-अलग नज़रिये से देखते हैं। हो सकता है कि कुछ लोग काम-क़ाज़ी महिलाओं को ज्यादा सम्मानपूर्ण दृष्टि से देखते हों या कुछ लोग गृहणियों को इस दृष्टि से देखते हों। चाहे आपकी सोच जो भी हो, लेकिन आपको निम्न लिखी हुई बातें कभी किसी गृहणी से नहीं बोलना चाहिए।
गर कोई व्यक्ति अपनी इच्छा से बाहर जाकर काम नहीं करना चाहता या बाहर निकलना ज्यादा पसंद नहीं करता, तो क्या इसकी वजह से उसका जीवन बर्बाद हो रहा है? अगर देखा जाये तो जीवन का आंकलन हम इस तरह से करते है कि आप इससे कितना संतुष्ट हैं। आपको बता दिया जाये कि गृहणियों के काम भी बिलकुल आसान नहीं होते। वे भी उस मानसिक तनाव से जूझती है जिससे कि शायद कोई काम-काज़ी महिला जूझती होगी।
यहां निर्भरता का सन्दर्भ सिर्फ वित्तीय स्तर पर है और इससे ज्यादा कुछ नहीं। अब बताइये इस हिसाब से क्या पुरुष अपने खाने-पानी, देखभाल, आदि के लिए उन गृहणियों पर निर्भर नहीं हैं? बिलकुल हैं। इसलिए हमे यह प्रश्न अब काफी पुराना और बेकार समझकर पूछना छोड़ देना चाहिए।
आप होते कौन है किसी को उसकी जिम्मेदारी का एहसास दिलाने वाले या अपनी व्यर्थ टिप्पिडी करने वाले। महिलाएं चाहे काम-क़ाज़ी हो या नहीं, उन्हें सारी जिम्मेदारियां पूर्ण तरह से संभालनी जरूर आती हैं। एक गृहणी के रूप में उनसे ज्यादा दृण-निश्चय वाला व्यक्ति कोई और नहीं हो सकता।
वैसे यह बात आपको काफी मज़ेदार लग सकती है लेकिन आप पहले यह बताएं कि आपने अपने जीवनसाथी से विवाह किया है या आपका मन किसी रसोइया से विवाह करने का था। यह भी ध्यान रखें कि रसोइया सिर्फ महिलाएं नहीं होती, पुरुष भी आज कल काफी शौक से इस काम को कर रहें हैं। तो अपनी अमूलय राय आप अपने पास रखें। आप किसी को गौरव ऊँचा नहीं कर सकते या करना नहीं चाहते तो उसपर प्रश्न भी न करें।
वैसे यह तो सच है कि लोगों को गृहणियों का अकेले बाहर जाना बिलकुल रास नहीं आता। वह इसलिए क्यूंकि वे समझते हैं कि उनका बाहर जाना या अकेले घूमना जरुरी नहीं है। लेकिन अगर वे बाहर निकलकर अपना काम स्वयं करना चाहती हैं या नयी-नयी चीज़ें सीखना चाहती हैं, तो इसमें आपको क्या तकलीफ हो सकती हैं।
अपना जीवन बर्बाद न करें
गर कोई व्यक्ति अपनी इच्छा से बाहर जाकर काम नहीं करना चाहता या बाहर निकलना ज्यादा पसंद नहीं करता, तो क्या इसकी वजह से उसका जीवन बर्बाद हो रहा है? अगर देखा जाये तो जीवन का आंकलन हम इस तरह से करते है कि आप इससे कितना संतुष्ट हैं। आपको बता दिया जाये कि गृहणियों के काम भी बिलकुल आसान नहीं होते। वे भी उस मानसिक तनाव से जूझती है जिससे कि शायद कोई काम-काज़ी महिला जूझती होगी।
आप अपने पति पर निर्भर हैं
यहां निर्भरता का सन्दर्भ सिर्फ वित्तीय स्तर पर है और इससे ज्यादा कुछ नहीं। अब बताइये इस हिसाब से क्या पुरुष अपने खाने-पानी, देखभाल, आदि के लिए उन गृहणियों पर निर्भर नहीं हैं? बिलकुल हैं। इसलिए हमे यह प्रश्न अब काफी पुराना और बेकार समझकर पूछना छोड़ देना चाहिए।
आपको घर के सदस्यों का ध्यान रखना चाहिए
आप होते कौन है किसी को उसकी जिम्मेदारी का एहसास दिलाने वाले या अपनी व्यर्थ टिप्पिडी करने वाले। महिलाएं चाहे काम-क़ाज़ी हो या नहीं, उन्हें सारी जिम्मेदारियां पूर्ण तरह से संभालनी जरूर आती हैं। एक गृहणी के रूप में उनसे ज्यादा दृण-निश्चय वाला व्यक्ति कोई और नहीं हो सकता।
आपको खाना बनाना जरूर आना चाहिए
वैसे यह बात आपको काफी मज़ेदार लग सकती है लेकिन आप पहले यह बताएं कि आपने अपने जीवनसाथी से विवाह किया है या आपका मन किसी रसोइया से विवाह करने का था। यह भी ध्यान रखें कि रसोइया सिर्फ महिलाएं नहीं होती, पुरुष भी आज कल काफी शौक से इस काम को कर रहें हैं। तो अपनी अमूलय राय आप अपने पास रखें। आप किसी को गौरव ऊँचा नहीं कर सकते या करना नहीं चाहते तो उसपर प्रश्न भी न करें।
आपको अकेले बाहर नहीं जाना चाहिए
वैसे यह तो सच है कि लोगों को गृहणियों का अकेले बाहर जाना बिलकुल रास नहीं आता। वह इसलिए क्यूंकि वे समझते हैं कि उनका बाहर जाना या अकेले घूमना जरुरी नहीं है। लेकिन अगर वे बाहर निकलकर अपना काम स्वयं करना चाहती हैं या नयी-नयी चीज़ें सीखना चाहती हैं, तो इसमें आपको क्या तकलीफ हो सकती हैं।