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जी.एस.एम एसोसिएशन के अनुसार 2019 के मोबाइल जेंडर गैप रिपोर्ट के अनुसार 42 प्रतिशत महिलाएं इंटरनेट सके वाकिफ़ हैं और ये जानती हैं कि मोबाइल फ़ोन पे भी इंटरनेट आ सकता है।
हैरान तो होंगे आप पर रिपोर्ट कब अनुसार सिर्फ 28 प्रतिशत औरतों के पास मोबाइल फ़ोन है। सिर्फ 56 प्रतिशत औरतों को मोबाइल फ़ोन पे इंटरनेट का इस्तेमाल करना आता है। ये जगह जगह पे अलग है पुरे विश्व में पर सबसे ज्यादा दक्षिण एशिया में है।
को देखते हुए कम आर्थिक शशक्त वाली जगाहों पे महिलाओं ने मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल ज्यादा करना शुरू करदिया है। 250 लाख महिलाओं ने इसका इस्तेमाल किया और 80 प्रतिशत महिलाओं केके पास अब एक स्मार्ट फ़ोन है।
मोबाइल इंटरनेट एक इकलौता साधन है इंटरनेट से जुड़ने का इन आर्थिक तंगी से झूझ रही महिलाओं के लिए। अभी 48 प्रतिशत महिलाएं इसका इस्तेमाल करती है पर अब भी इसके इस्तेमाल में सामान्यता नहीं है।
ग्रंयर्ड के अनुसार “कहने को को इसकी बिक्री बढ़ रही है पर उतने ही तेज़ी से ये असामान्यता बढ़ रही है। औरतें जो ये मुश्किले देख रहीं है, ये उसे आगे बढ़ा रहा है”
मोबाइल सिम कंपनियां जैसे वोडाफ़ोन, आईडिया, भारती और एयरटेल ने जी एस एम ए के साथ कमिटमेंट इनिशिएटिव साइन किया जो कि इस असामान्यता को 2020 तक सामान्य करने में लगे हैं।
हैरान तो होंगे आप पर रिपोर्ट कब अनुसार सिर्फ 28 प्रतिशत औरतों के पास मोबाइल फ़ोन है। सिर्फ 56 प्रतिशत औरतों को मोबाइल फ़ोन पे इंटरनेट का इस्तेमाल करना आता है। ये जगह जगह पे अलग है पुरे विश्व में पर सबसे ज्यादा दक्षिण एशिया में है।
को देखते हुए कम आर्थिक शशक्त वाली जगाहों पे महिलाओं ने मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल ज्यादा करना शुरू करदिया है। 250 लाख महिलाओं ने इसका इस्तेमाल किया और 80 प्रतिशत महिलाओं केके पास अब एक स्मार्ट फ़ोन है।
मोबाइल इंटरनेट एक इकलौता साधन है इंटरनेट से जुड़ने का इन आर्थिक तंगी से झूझ रही महिलाओं के लिए। अभी 48 प्रतिशत महिलाएं इसका इस्तेमाल करती है पर अब भी इसके इस्तेमाल में सामान्यता नहीं है।
आर्थिक तंगी देशों में पुरुषो के समान 10 प्रतिशत कम औरतें मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल करती हैं जिसके कारण 197 लाख औरतों के पास स्मार्ट फ़ोन नहीं हैं। जैसे जैसे ये स्मार्ट फ़ोन की ख़रीदारी बढ़ रही है, वैसे वैसे ये लिंग संतुलन बढ़ रहा है।
ग्रंयर्ड के अनुसार “कहने को को इसकी बिक्री बढ़ रही है पर उतने ही तेज़ी से ये असामान्यता बढ़ रही है। औरतें जो ये मुश्किले देख रहीं है, ये उसे आगे बढ़ा रहा है”
मोबाइल सिम कंपनियां जैसे वोडाफ़ोन, आईडिया, भारती और एयरटेल ने जी एस एम ए के साथ कमिटमेंट इनिशिएटिव साइन किया जो कि इस असामान्यता को 2020 तक सामान्य करने में लगे हैं।