Advertisment

हम महिलाओं को ख़राब ड्राइवर क्यों मानते हैं ?

author-image
Swati Bundela
New Update
भारत में गाड़ी चलाने का कार्य एक पुरुष प्रभुत्व स्वभाव से देखा गया। धीरे धीरे जब घर के कामों के लिए और काम पे जाने के लिए औरतों के लिए सार्वजनिक वाहनों से आना और जाना सुरक्षा के स्थर से खतरनाक होगया। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार भारत में सिर्फ 11 प्रतिशत महिलाएं गाड़ी चलाती है। पूरे देश में मणिपुर एक ऐसा राज्य है जहां सबसे ज्यादा प्रतिशत में औरतो के पास गाड़ी चलाने का लाइसेंस है। इतनी कम मात्रा में होने के बाद भी औरतो को एक अच्छे गाड़ी चालक के रूप में नही देखा जाता।

Advertisment

क्या है इसके पीछे का कारण?



इस समाज में जहां गाड़ी चलाने का कार्य एक पुरुष को दिया गया, ये शायद से इसलिए भी हुआ क्योंकि जब गाड़ियों का नया नया बनाना शुरू हुआ, उस समय अर्थिक रूप से पुरुष महिलाओं के मुकाबले ज्यादा आज़ाद थे। गाडियो ने दूरी को कम करके काम की जगह पास करदी। धीरे-धीरे जब महिलाओं ने नौकरी करनी शुरू की, तो शुरुआत में उन्होंने सार्वजनिक परिवहन लिए पर जैसे जैसे खतरा बढ़ता गया, औरतो ने गाड़ियां चलानी शुरू की। उन्हें पता चला कि गाड़ी चलाना केवल काम की जगह पे ही नही बल्कि रोज़ मरा की ज़िंदगी में भी काफी ज़रूरतमंद रही।

Advertisment


समाज ने पहले तो इसे उनलिखित नियमो के ख़िलाफ़ देखा पर बाद में जब घर की बहु और बेटियां असुरक्षित महसूस करने लगी तो परिवरों ने इसे स्विकार किया। 2000 के दशक में वाहन को चलना एक आर्थिक आजादी के रूप में देखा गया। महिलाओं की ऐसी आज़ादी से समाज को दिक्कत तो होती है ही। इसी के कारण पुरुष समाज ने अपनी रूढ़िवादी सोच को इस विषय पे भी हावी करदिया।

क्या महिलाएं सच में खराब वाहन चालक है?



जी नही, ये एक बेतर्क सोच है, जो कि औरतो को नीचा दिखाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। असल में हर साल सबसे ज्यादा मात्रा में सड़क हादसों में पुरुषों का हाथ होता है। पी की गाड़ी चलाना, लाल बत्ती को पार करना एवं ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना अक्सर पुरुषों में पाया ज्यादा जाता है। हाँ ये ज़रूर कह सकते है कि महिलाओं के पास अनुभव पहले कम था। किन्तु अब औरते हाईवे पे और काफी ज्यादा दूरी तय करती है। पहले बाइक चलती औरतो पे ताने कैसे जाते थे कि ये वाहन पुरूष चलाते है पर लेह लदाख तक पहुँचती हुई लड़कियों ने ये बता दिया कि वो सिर्फ पीछे की सीट पे बैठने के लिए नही बनी।
इंस्पिरेशन
Advertisment