Janmashtami: 10 बातें जो आपको राधा रानी के बारे में पता होनी चाहिए

जन्माष्टमी जहाँ भगवान कृष्णा के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। वहीं यह दिन देवी राधा को याद करने के लिए भी अच्छा है। “राधा कृष्णा” का नाम तो सभी लेते हैं। आइये जानते हैं कुछ ऐसी बातों के बारे में जो देवी राधा के बारे में आपको पता होनी चाहिए।(Image Credit -Printrest)

जन्माष्टमी कब है

हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से जन्माष्टमी भाद्रपद की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाई जाती है। पूरे देश में आज और कल जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जा रहा है। (Image Credit -Printrest)

किसकी बेटी थीं

मान्यताओं के अनुसार राधा जी वृषभानु गोप और कीर्ति देवी की बेटी थीं। उन्हें भगवान विष्णु की पत्नी देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। जो द्वापर में भगवान कृष्णा की प्रेमिका बनकर जन्मी थीं।(Image Credit -Pinterest)

कहाँ हुआ जन्म

कहा जाता है कि राधा जी वृन्दावन से थोड़ी दूर स्थित एक गाँव रेपल्ली में रहती थीं। यह भी कहा जाता है कि देवी राधा भगवान कृष्ण से पांच वर्ष बड़ी थीं।(Image Credit -Printrest)

राधा कृष्णा विवाह

राधा जी बहुत ही कम उम्र से भगवान श्री कृष्णा से प्रेम करती थीं। हिन्दू धर्म की कथाओं में बताया गया है कि जब राधा और कृष्णा छोटे थे तो उन्होंने खेल-खेल में एक दूसरे से कई बार विवाह किया था। लेकिन बड़े होने पर उनका विवाह कभी नहीं हुआ था।(Image Credit -Printrest)

राधा की शादी

जब श्री कृष्णा वृन्दावन छोड़कर मथुरा चले गये थे उसके बाद राधा के जीवन में कई बड़े बदलाव हुए थे। उसके बाद राधा की माँ ने उनकी शादी किसी और से करा दी थी और उनका एक बेटा भी था।(Image Credit -Printrest)

देवी के रूप में मान्यता

हिन्दू धर्म में राधा को एक रहस्यमय चरित्र माना गया है। उन्हें हमेशा ही भगवान कृष्णा की शक्ति के रूम में माना गया है। हिन्दू देवी देवताओं में उनका प्रमुख स्थान है। वैष्णव परम्पराओं में धार्मिक ग्रंथों में राधा रानी को प्रमुख देवी या शक्ति के रूप में जाना जाता है। (Image Credit -Printrest)

निम्बार्क सम्प्रदाय

राधा निम्बार्क सम्प्रदाय में महत्वपूर्ण है क्योंकि निम्बार्क ने राधा और कृष्ण को एकमात्र सत्य के रूप में घोषित किया, जैसे कि गौड़ीय वैष्णव परंपरा में चैतन्य महाप्रभु के आगमन के बाद होता है।(Image Credit -Pxfuel)

राधा के नाम

राधा चालीसा में यह कहा गया है कि राधा जी भगवान कृष्ण के साथ रास (पवित्र नृत्य) में सबसे महत्वपूर्ण गोपी हुआ करती थीं। राधा को अक्सर अलग-अलग कई नामों से बुलाया जाता रहा है जिसमें राधिका, राधारानी और राधे कहा जाता है।(Image Credit -Peakpx)

बांसुरी में राधा नाम

राधा की श्रेष्ठता कृष्ण की बांसुरी में भी देखने को मिली है बांसुरी अक्सर राधा नाम को दोहराती थी। कहा जाता है कि जब कृष्ण अपनी सभी पत्नियों को राधा से मिलने के लिए लाए थे तो सभी ने उन्हें पूरे ब्रह्मांड में सबसे सुंदर और पवित्र हृदय वाली महिला बताया था। तब से वह ब्रह्मांड के अंत तक कृष्ण के साथ रहीं थीं।(Image Credit -Printrest)

राधाष्टमी

राधा का जन्मदिन पूरे देश में और विशेषतः उत्तर भारत में राधाष्टमी के रूप में पूरी श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। राधा अष्टमी जन्माष्टमी के 15 दिन बाद होती है। राधारानी का जन्मदिन हिंदी कैलेण्डर के हिसाब से भाद्रपद महीने के आठवें दिन होती है।(Image Credit -Printrest)