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जानिए मशहूर लेखिका और चित्रकार अलका रघुवंशी से जुड़ी 5 बातें

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Swati Bundela
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मशहूर लेखिका, चित्रकार और कला समीक्षा अलका रघुवंशी की बुधवार को मौत हो गयी। निमोनिया से कई हफ़्तों से ग्रसित अलका की मृत्यु की ख़बर उनके परिवार और दोस्तों ने सोशल मीडिया पर शेयर की। उनके दोस्तों ने ये भी बताया की उनकी मौत में कोरोना का कोई हाथ नहीं था। जानिए अलका रघुवंशी के बारे में ये 5 बातें:

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1. देश की पहली आर्ट क्यूरेटर थी अलका रघुवंशी



अलका रघुवंशी भारत की पहली त्रिनेड आर्ट क्यूरेटर थी। उन्होंने आर्ट क्यूरेटर बनने की ट्रेनिंग लंदन के गोल्डस्मिथ कॉलेज और ऑक्सफ़ोर्ड के म्यूजियम ऑफ़ मॉडर्न आर्ट से ली थी। उन्होंने ख़ुद भी कई एक्सीबिशंस को करते ककिया था और विश्व भर में एक्सीबिशंस में भाग भी लिया था।

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2. 30 साल का लम्बा करियर रहा अलका रघुवंशी का



अपने आर्ट करियर में उन्होंने 2 किताबें भी लिखीं जिसमे उन्होंने भारत के आर्ट फॉर्म्स और यहाँ के आर्टिस्ट्स के बारे में कई सारी बातें बताई। उनके किताबों का नाम था "अ मोमेंट इन टाइम विथ द लेजेंड्स ऑफ़ इंडियन आर्ट" और "पाथफिन्डेर्स: आर्टिस्ट्स ऑफ़ ओने वर्ल्ड"। मशहूर इंग्लिश समाचार पत्र एशियन आगे के लिए उन्होंने कई साल तक साप्ताहिक कॉलम भी लिखें ।
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3. इंडियन हैंडलूम को दिया बढ़ावा



साल 2012 में उन्होंने "एहसास" नामक नाटक को क्यूरेट किया था जिसके अंतर्गत सभी कलाकारों ने भारत के ट्रेडिशनल साड़ी, हैंडबैग और टाइस को प्रदर्शित करते हुए रैंप वाक किया था। उन्होंने "त्रेयी" नाम के एक्सिबिशन को भी करते किया था जहाँ हैंड ब्लॉक साड़ी को प्रदर्शित किया गया था।
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4. बहुत अच्छी चित्रकार थी अलका रघुवंशी



अलका रघुवंशी ख़ुद भी एक चित्रकार थी और उन्होंने अपने चित्रकला की प्रेरणा जे स्वामीनाथन से ली थी। उन्हें याद करते हुए वह कहती थी की उनका सेंस ऑफ़ हुमूर कमाल का था। उनके बारे में और बताते हुए उन्होंने बताया था कि उनको अब्स्त्रक्त आर्ट की इतनी समझ थी की उनसे इंस्पायर्ड हुए बिना कोई नहीं रह सकता था।
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5. हिमालय की यात्रा भी की थी अलका रघुवंशी ने



फोटोग्राफर संजय शर्मा के साथ मिल कर उन्होंने हिमालय के गढ़वाल एरिया की यात्रा की थी। यात्रा वृतांत के रूप में उन्होंने अपने इस पूरे सफ़र को डाक्यूमेंट्री के रूप में क़ैद भी किया था जिसका टाइटल था "गढ़वाल हिमालय: डाक्यूमेंट्री ऑफ़ सॉलिट्यूड"। इस यात्रा को "जर्नी ऑफ़ फेथ" बताते हुए उन्होंने बताया था कि ये उस रीजन की सभी माया और हारमनी को बखूभी व्यक्त करता है।
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