Advertisment

दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा बनी अफगानिस्तान में महिलाओं के विरोध प्रदर्शन का मुख्य चेहरा



Advertisment

अफगानिस्तान में महिलाओं का विरोध : अफगानिस्तान में बीते कई दिनों से कुछ ठीक नहीं चल रहा है। तालिबान के कब्ज़े के बाद से वहा के लोगों ,बच्चो और खासतौर पर महिलाओं की स्थिति दयनीय होती जा रही है। हालांकि तालिबान द्वारा इतने दबाव के बाद भी वह की कुछ महिलाये हिम्मत जुटा के अपने हक़ की आवाज़ उठा रही है , छोटे लेवल पर ही सही लेकिन वह विरोध प्रदर्शन कर रही है।

तालिबान के सत्ता में आने के दो दिन बाद, 17 अगस्त को चार महिलाओं ने काबुल के वाजी अकबर खान इलाके में तख्तियां लेकर विरोध करने के लिए काबुल की सड़कों पर उतर आए। अगले दिन एक और विरोध प्रदर्शन किया गया जिसमें कुछ और महिलाएं भी शामिल हुईं।

अफगानिस्तान में महिलाओं का विरोध : दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा बनी अफगानिस्तान में महिलाओं के विरोध प्रदर्शन का मुख्य चेहरा

Advertisment

दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) के दौलत राम कॉलेज से राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएट 24 वर्षीय महिला क्रिस्टल बयात (Crystal Bayat) अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ महिलाओं के विरोध का तेजी से चेहरा बन रही है।

https://twitter.com/BayatCrystal37/status/1428358510195068932?s=20

काबुल के अफगानिस्तान पर कब्ज़े के बाद से महिला द्वारा किये जा रहे विरोध प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर बड़ी तेज़ी से वायरल हो रहे है। मीडिया से बात करते हुए, बयात ने कहा कि वह महिलाओं को संगठित करने और प्रोत्साहित करने के लिए व्हाट्सएप का उपयोग कर रही थी। हालांकि, उनके इतने प्रयासों के बावजूद, विरोध के लिए केवल सात महिलाएं ही आईं, जिसमें 1,000 से अधिक पुरुष थे।

Advertisment

उन्होंने पहला विरोध प्रदर्शन 17 अगस्त को किया था, जिसमें चार महिलाओं ने काबुल की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया था। दूसरी में सात महिलाओं ने 18 अगस्त को शहर के वाजी अकबर खान पड़ोस में विरोध प्रदर्शन किया था। इन दोनों विरोधों में, बयात ने कहा, प्रतिरोध के प्रतीक के रूप में अफगान झंडे का इस्तेमाल किया गया था।

क्रिस्टल बयात ने तालिबान के राज में बड़ी ही बेबाकी से लगाए 'जिंदाबाद अफगानिस्तान' के नारे

बयात ने कहा कि वह अपने जीवन में पहली बार तालिबान के साथ आमने-सामने आई थीं, जब वह विरोध कर रही थीं। उन्होंने प्रदर्शन पर तालिबानी को 'घर वापस जाने' के लिए कहा। यही नहीं यहाँ तक की उन्होंने बड़ी ही बेबाकी से 'जिंदाबाद अफगानिस्तान' के नारे लगाने का फैसला किया। बयात ने कहा कि वह अफगानिस्तान की लाखों महिलाओं के लिए आवाज उठाना जारी रखेंगी।

Advertisment

फीचर इमेज क्रेडिट : The Quint

ये भी पढ़िए : सलीमा मजारी कौन है ? अफगानिस्तान की इस महिला गवर्नर ने तानी थी तालिबान पर बन्दूक



Advertisment