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प्रेगनेंसी में डॉक्टर्स महिलाओं को पोषक तत्वों से भरपूर फल -सब्जियां खाने की सलाह देते है। जामुन एक ऐसा फल है जो अधिकतर लोग खाना पसंद करते है। प्रेगनेंट महिलाओं को जामुन खाना चाहिए या नहीं ,जामुन खाते वक़्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ,इन सभी चीज़ो के बारे में पता होना चाहिए। ताकि वह अपनी सेहत का ध्यान रख सके।
क्या प्रेगनेंसी में जामुन खा सकते है?
जामुन को लेकर ये मिथ है कि प्रेग्नेंसी में जामुन खाने से भ्रूण यानी शिशु की त्वचा पर गहरे स्पॉट पड़ जाते हैं। लेकिन इस बात को सच साबित करने के लिए कोई साइंटिफिक प्रूफ मौजूद नहीं है। जामुन एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं और इसमें कई तरह के nutrients मौजूद होते हैं जो भ्रूण (embryo) को सुरक्षा प्रदान करते है। इसके अलावा जामुन से मिलने वाले पोषक तत्व भ्रूण के विकास में भी मदद करते हैं। नॉर्मली जामुन खाने की बजाय आप इसके खाने के तरीके में बदलाव कर के प्रेगनेंसी में भी जामुन का लाभ उठा सकती हैं।
प्रेगनेंसी में कितने जामुन खाने चाहिए ?
कोई भी फल ज़रूरत से ज्यादा खाने पर नुकसान देता है ,इसलिए एक लिमिट में रह कर ही इनका सेवन करना चाहिए। प्रेगनेंसी में पूरे दिन में 8 से 10 जामुन खाने चाहिए। जामुन की इतनी मात्रा आपके और आपके बच्चे के लिए फायदेमंद साबित होगी।
प्रेगनेंसी में जामुन खाते वक़्त किन बातों का रखे ध्यान ?
- खाली पेट जाामुन नहीं खाएं : प्रेगनेंट महिला को खाली पेट जामुन नहीं खाना चाहिए। इसके अलावा जामुन खाने के तुरंत बाद दूध न पिए। जामुन को अच्छी तरह से धोने के बाद ही खाएं। ज्यादा मात्रा में जामुन खाना नुकसानदायक भी हो सकता हैं।
- पथरी का खतरा है तो जामुन न खाएं: जिन महिलाओं को पथरी का खतरा है ,उन्हें जामुन नहीं खाने चाहिए। जामुन में ऑक्सलेट होता है जो कैल्शियम के साथ मिलकर पथरी बना सकता है।
- प्रेगनेंसी के हिसाब से आपका वज़न संतुलित नहीं हो तो जामुन न खाये : अगर प्रेगनेंसी के हिसाब से आपका संतुलित वजन नहीं है तो आप जामुन न खाएं, क्योंकि इसमें जीरो कैलोरी होती है।