Women Pioneers: देश की बेटियां जिन्होंने इतिहास रचा

रानियों, राजनेताओं और समाज के कार्यकर्ता सहित इन असाधारण महिलाओं ने न केवल महिला सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया बल्कि हमारे समाज में बसे रूढ़िवादिता को भी चुनौती दीI आइये जानते हैं उनके बारे में-(image credit- Hindustan)

रजिया सुल्तान

रजिया सुल्तान भारत की पहली महिला शासक थींI 13वीं सदी की एक उल्लेखनीय भारतीय रानी और दिल्ली सल्तनत पर शासन करने वाली पहली महिला थी। उनके शासनकाल की विशेषता उनके मजबूत नेतृत्व और प्रगतिशील नीतियां थी। (image credit- Your Exam Guide)

अन्ना रजम मल्होत्रा

अन्ना राजम मल्होत्रा ​​एक भारतीय सिविल सेवक थी। वह भारत की पहली महिला आईएएस अधिकारी बनी जिनकी नियुक्ति ने प्रशासनिक सेवाओं में महिलाओं के लिए दरवाजे खोल दिये। उनकी अग्रणी भावना और दृढ़ संकल्प पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।(image credit- Girls Buzz)

रीता फारिया

1966 में मिस वर्ल्ड का खिताब जीतने वाली पहली एशियाई महिला के रूप में इतिहास रचा। अपनी सुंदरता से परे, उन्होंने चिकित्सा में अपना करियर बनाया, एक प्रैक्टिसिंग डॉक्टर और महिला उपलब्धि का प्रतीक बन गईं।(image credit- StarsUnfolded)

सावित्री बाई फुले

सावित्री बाई फुले 19वीं सदी के भारत की प्रथम शिक्षिका और एक समाज सुधारक थी। उन्होंने अपना जीवन महिलाओं और निचली जाति के व्यक्तियों के लिए शिक्षा को बढ़ावा देने और पुणे में लड़कियों के लिए पहला स्कूल स्थापित करने के लिए समर्पित कर दिया। (image credit- Zee News)

आनंदी गोपाल जोशी

आनंदी गोपाल जोशी, भारत की प्रथम महिला चिकित्सक थीं जिन्होंने 19वीं शताब्दी के अंत में संयुक्त राज्य अमेरिका में मेडिकल डिग्री हासिल की और सामाजिक बेड़िओं और परिस्थितियों पर काबू पाया। वह महिलाओं के लिए दृढ़ संकल्प और शिक्षा की खोज का प्रतीक थी। (image credit- The Hindu Business Line)

मदर टेरेसा

मदर टेरेसा, जिन्हें कलकत्ता की सेंट टेरेसा के नाम से जाना जाता है, भारत की प्रथम महिला नोबेल प्राइज विजेता बनीं। उन्होंने अपना जीवन भारत के कलकत्ता की मलिन बस्तियों में गरीबों और अनाथ की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। उनके निस्वार्थ कार्य ने उन्हें 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार दिलायाI (image credit- Britannica)

कल्पना चावला

कल्पना चावला एक भारतीय-अमेरिकी एस्ट्रोनॉट थीं जिन्होंने भारत में जन्मी पहली महिला के रूप में इतिहास रचा। बाद में एस्ट्रोनॉट बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए वह अमेरिका चली गई। दुर्भाग्य से, 2003 में उनका स्वर्गवास हो गयाI (image credit- kalpanachawlascholars)