गरीबी से वर्ल्ड चैंपियन बनने तक, Mary Kom की कहानी
गरीबी से वर्ल्ड चैंपियन बनने तक, मैरी कॉम की कहानी जुनून और मेहनत की मिसाल है। उनकी जिद और हौसले ने उन्हें दुनिया की सबसे बेहतरीन बॉक्सर बनाया।
गरीबी से वर्ल्ड चैंपियन बनने तक, मैरी कॉम की कहानी जुनून और मेहनत की मिसाल है। उनकी जिद और हौसले ने उन्हें दुनिया की सबसे बेहतरीन बॉक्सर बनाया।
मणिपुर के एक गरीब किसान परिवार में जन्मी मैरी बचपन से ही मेहनती रहीं। पढ़ाई के साथ खेतों में काम किया लेकिन सपनों से कभी समझौता नहीं किया।
डिंग्को सिंह की सफलता से प्रेरित होकर उन्होंने बॉक्सिंग शुरू की। लोगों ने कहा, "लड़कियां बॉक्सिंग नहीं कर सकतीं," लेकिन मैरी ने यह मिथक तोड़ दिया।
मैरी कॉम ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में छह बार गोल्ड जीता। 2012 ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर उन्होंने भारत का नाम रोशन किया।
शादी और तीन बच्चों के बाद भी उन्होंने बॉक्सिंग नहीं छोड़ी। अपनी मेहनत और दृढ़ निश्चय से उन्होंने दोबारा गोल्ड जीतकर इतिहास रच दिया।
2014 में उनके जीवन पर बनी फिल्म "मैरी कॉम" हर महिला के लिए प्रेरणा बनी। प्रियंका चोपड़ा द्वारा निभाया गया उनका किरदार लाखों दिलों को छू गया।
राजीव गांधी खेल रत्न, पद्म भूषण, पद्म श्री जैसे कई पुरस्कारों से नवाजी गईं। वह राज्यसभा सांसद भी बनीं और खेलों के लिए अपनी आवाज उठाई।
आज, 1 मार्च 2025 को, मैरी कॉम का 42वां जन्मदिन है। उनका जीवन यह सिखाता है कि अगर हौसला हो, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं। Happy Birthday Mary Kom