Issues Of Mothers: बच्चे होने के बाद क्या ज़िन्दगी रुक जाती है?

प्रेगनेंसी के बाद अक्सर देखा जाता है कि महिलाओं को कुछ समय के लिए अपने हर काम को रोकना पड़ता है। खासकर जब महिला कामकाजी होती है तो प्रेगनेंसी के दौरान उन्हें मैटरनिटी लीव लेनी पड़ती है और उसके बाद अपने करियर को कंटिन्यू करना काफी मुश्किल होता है।

अक्सर ही होता है ये एहसास

ऐसे में अक्सर इस बात का एहसास होता है कि हमारी जिंदगी रुक सी गई है। कई बार महिलाएं इस कारण से काफी मानसिक तनाव से भी गुजरती है। ऐसे में उन्हें मेंटल सपोर्ट की बहुत जरूरत होती है।

जिम्मेदारियों का भार

एक बच्चे के आने के बाद एक मां के ऊपर जिम्मेदारियां का बहुत भर हो जाता है। जिसके कारण कई बार तनाव के कारण महिलाएं इस बात को समझने लगती है कि वह अपनी पर्सनल लाइफ में रुक सी गई हैं।

अपना ध्यान नहीं रहता

नवजात बच्चे के देखभाल में अक्सर माँ अपने आप को भूल जाती हैं। इस कारण से उन्हें अपनी जिंदगी में एक कमी महसूस होने लग जाती है। प्रेगनेंसी के बाद अक्सर यह सब समस्या लगभग हर महिलाओं में देखी जाती है।

पॉजिटिविटी में कमी

महिलाओं में अक्सर काफी ज्यादा हार्मोनल चेंज होने के कारण धीरे-धीरे पॉजिटिविटी में कमी आने लग जाती है। यह इसलिए भी होता है क्योंकि प्रेगनेंसी के बाद महिलाओं की बॉडी में काफी ज्यादा चेंज होते हैं जिन्हें एक्सेप्ट करने में समय लगता है।

मेंटल स्ट्रेस

हार्मोनल चेंज और जिम्मेदारियां के भर से मेंटल स्ट्रेस बहुत अधिक होता है। ऐसे में जिम्मेदारियां को बांट कर रखना, भरपूर आराम और अपने मनपसंद की चीज करने से मेंटल स्ट्रेस को काम किया जा सकता है।

सेल्फ लव की कमी

अधिक वेट गेन और बॉडी में वह चेंज के कारण से महिला में सेल्फ लव की कमी देखी जाती है। ऐसे में कुछ समय के लिए अपने आप को एक्सेप्ट करना चाहिए और धीरे-धीरे बदलाव को अपनी जिंदगी में उतारना चाहिए।

नींद भरपूर न लेना

नवजात शिशु की देखभाल में अक्सर महिलाएं अपनी नींद से कंप्रोमाइज करती है। जिसके कारण मेंटल स्ट्रेस होने के कारण थकावट भी महसूस होती है और कई बार बहुत से थॉट दिमाग में आने लग जाते हैं। जिससे कि पॉजिटिविटी की कमी भी होने लग जाती है।