अक्सर पुरुष को अपनी बात न कहना या sacrifice करना सिखाया जाता हैं। जिसके चलते वे खुलकर अपनी बात नहीं कह पाते हैं।
अगर कोई बात परेशान करती हैं, या ऑफिस में कुछ गलत हुआ हैं, उसे पार्टनर से शेयर करें। न की उन पर हाथ उठाएं। गुस्सा रिश्तों को खराब कर देता हैं।
अक्सर पित्रसत्ता के चलते men भी शोषित होता हैं। उसे स्ट्रॉंग बनने को कहते हैं। इसलिए, वे अपनी बात को अकेले ही सहते हैं और फ्रस्ट्रैट होते रहते हैं। इसलिए अपनी बात को कहना सीखें।
अक्सर पैट्रीआर्की के चलते man को अपनी बात कहना नहीं आता हैं। तो वे पर्सनली शेयर करने की जगह जनरल तरीके से भी कह सकते हैं। यह भी मन की बात को बाहर निकलता हैं।
अपनी बात को या जो कुछ भी घुटन पैदा कर रहा हैं, उसे अकेले न सहे। कई बार दबा के रखना भी अंदर ही अंदर चिढ़चिढ़ पैदा कर रहा होता हैं। इसके लिए अपने दोस्तों, परिवार और वर्कप्लेस पर कहना सीखें।
अपनी पर्सनैलिटी को निखारें। ईगो ही हर बार सबसे बड़ी समस्या होता हैं। इसलिए ईगो को साइड रखना सीखें। आप जितना खुद को समझेंगे उतना बेहतर हो पाएंगे।
आपकी फॅमिली और दोस्त हमेशा आपके सपोर्ट और सही के लिए आपके साथ हैं। इसलिए खुल कर अपनी बात कहें और एक्स्प्रेस करना सीखें। अंदर ही अंदर घुटन पैदा न करें। Happy Men's Day.