ये अधिकार हर महिला को पता होने चाहिए
महिलाओं को सशक्त करने में संविधान का बहुत बड़ा हाथ है लेकिन बहुत सारी महिलाओं को अपने अधिकार पता ही नहीं हैं। चलिए आज कुछ ऐसे अधिकार जानते हैं जिसके बारे में हर महिला को पता होना चाहिए-
महिलाओं को सशक्त करने में संविधान का बहुत बड़ा हाथ है लेकिन बहुत सारी महिलाओं को अपने अधिकार पता ही नहीं हैं। चलिए आज कुछ ऐसे अधिकार जानते हैं जिसके बारे में हर महिला को पता होना चाहिए-
वर्कप्लेस पर कई बार महिलाओं को एक ही काम के लिए पुरुषों से कम सैलरी मिलती है लेकिन यह सही नहीं है।समान पारिश्रमिक अधिनियम, 1976 के तहत दोनों पुरुषों और महिलाओं को एक ही काम के लिए समान भुगतान मिलना चाहिए।
अगर कोई महिला अपने लिए लीगल सपोर्ट के लिए भुगतान नहीं कर सकती है तो ऐसे में उसे 'लीगल सर्विसेज़ अथॉरिटी एक्ट, 1987 के तहत मुफ्त कानूनी सहायता मिल सकती है।
सेक्सुअल हैरेसमेंट ऑफ़ वीमेन एट वर्कप्लेस एक्ट का उद्देश्य वर्कप्लेस पर महिलाओं की सेक्सुअल एब्यूज की घटनाओं को रोकना उनका समाधान करना और इस संबंधी शिकायतों का निवारण प्रदान करना है।
डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट आपको उस व्यक्ति से सुरक्षा प्रदान करता है जो आपको शारीरिक और मानसिक एब्यूज कर रहा है। इस व्यक्ति के साथ आप इंटिमेट रिश्ते में भी हो सकते हैं या फिर आप उसके साथ रहते हैं।
महिलाओं के पास वर्चुअल कंप्लेंट दर्ज करने का अधिकार है। यह उन महिलाओं के लिए बहुत मददगार है जो पुलिस स्टेशन नहीं जा सकती।
आमतौर पर सूर्यास्त होने के बाद महिलाओं को अरेस्ट करने की परमिशन नहीं है। इसके साथ ही महिला कैदी के साथ सवाल जवाब करते समय फीमेल कांस्टेबल और दूसरे परिवार के सदस्यों का होना बहुत जरूरी है।
हमारे समाज में दहेज के खिलाफ भी एक्ट बना हुआ है जिसमें यह साफ किया गया है कि दहेज लेना और देना दोनों ही अपराध है।
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