क्या लोगों का क्रिटिसिज्म हमें कर सकता है मोटीवेट?

यह बात सच है कि क्रिटिसिज्म हमें स्ट्रगल करने और कुछ अचीव करने के लिए एक अलग ऊर्जा देता है। इसमें जितना हम अपने बारे में जान पाते हैं, उतना ही क्रिटिकस को गलत साबित करने की इच्छा हमें कुछ कर दिखाने के लिए प्रेरित करती है। आइए जानते हैं कैसे - (Image Credit: Pinterest)

Form of Communication

जब आपके सामने या पीछे से आपको क्रिटिसाइज़ किया जाए तो आप उन्हें इग्नोर न करें, बल्कि उनकी बात को ध्यान से सुनें और समझने की कोशिश करें कि उनकी बात में कुछ सच्चाई है या नहीं। इसी के साथ कोई भी रिएक्शन देने से बचें, इससे आप अपनी कमज़ोरियों को पकड़ पाएंगे। (Image Credit: Pinterest)

Take as Feedback

क्रिटिक्स की बातों को अगर आप फीडबैक की तरह लेंगे तो आपको यह पता चलेगा कि आपको सच में कहाँ इम्प्रूवमेंट की ज़रूरत है। ये लोग एक तरह से आपको सच का आईना दिखा पाते हैं, जो कई बार हमारे वेल-विशर भी नहीं कर पाते। इससे हम खुद पर पोस्टीवली काम कर पाते हैं। (Image Credit: Pinterest)

Personal Growth

क्रिटिसिज्म आपको पर्सनल ग्रोथ में मदद कर सकता है। जब आप लोगों की कड़वी बातों को अपने सुधार के लिए यूज़ करेंगे तो आपकी पर्सनालिटी में एक अलग ही निखार आएगा और आपकी सोच में क्लैरिटी आती जाएगी। (Image Credit: Pinterest)

Don’t Take It Personally

क्रिटिकस की बातों को नेगटिवेली और पर्सनली कभी न लें। अगर आप उनकी बातों को दिल पर लगा लेंगे तो खुद को बदलने की बजाय बातों की स्ट्रेस अपने दिमाग पर लेकर बैठ जाएंगे। इससे आप आगे नहीं बढ़ पाएंगे और उन बातों में उलझ कर रह जाएंगे। (Image Credit: Pinterest)

Don’t Overthink

आपके काम या गुण में कमी निकालने वाले इंसान की बातों को लेकर ज़्यादा न सोचें। बात को समझें, उस की सच्चाई को जानें और उस पर काम करने के बारे में सोचें। अगर आप उस पर ज़्यादा सोचेंगे तो नेगेटिव थॉट्स आपको घेर सकती हैं। (Image Credit: Pinterest)