इन तरीकों से आप खुद के साथ कर रहें हैं गैसलाइटिंग

आजकल गैसलाइटिंग टर्म बहुत पॉप्युलर है। यह एक तरह का 'इमोशनल एब्यूज' है जिसमें विक्टिम खुद को ही दोषी मानने लग जाता है। इसका इस्तेमाल ज्यादातर रिलेशनशिप संदर्भ के लिए किया जाता है। आज हम बात करेंगे कि कैसे हम खुद के साथ भी गैसलाइटिंग करते हैं-(Image Credit: Freepik)

खुद को 'दोषी' मानना

कई बार हम अपने ऊपर इतना ज्यादा सख्त हो जाते हैं कि हम चीजों को अगर हम अच्छे से हैंडल नहीं कर पा रहे तो खुद को ही दोषी मानने लग जाते हैं। यह बिल्कुल गलत है। (Image Credit: Freepik)

खुद को ज्यादा भावनात्मक मानना

अगर आप बहुत ज्यादा भावनात्मक और संवेदनशील है इसके लिए खुद को दोषी मत माने। यह बिल्कुल नॉर्मल है। आप उसे सिचुएशन पर ध्यान दीजिए जिसकी वजह से आप ऐसा महसूस कर रहे हैं (Image Credit: Freepik)

ज्यादा मदद मांगने पर शर्म मानना

मदद मांगना बिल्कुल बुरी बात नहीं है। यह बिल्कुल नॉर्मल है। हमें बचपन से ही सिखाया जाता है कि हमें सब कुछ खुद करना है। जब भी आपको लगे तब दूसरों से मदद लेने में कोई बुराई नहीं है । हर चीज का सॉल्यूशन हमारे पास नहीं होता है। (Image Credit: Freepik)

ट्रॉमा से उभर ना पाना

मानसिक समस्याएं बहुत गहरी होती है और लंबे समय तक चल सकती है। अगर आप लंबे समय से ट्रॉमा से उभर नहीं पा रहे हैं इसमें कोई शर्म या फिर खुद को बुरा मानने वाली बात नहीं है। इसमें समय लग सकता है।(Image Credit: Freepik)

खुद को स्वीकार कीजिए।

खुद को गैसलाइटिंग या ब्लेम करना बिल्कुल भी सही नहीं है। आप जितना भी कर रहे हैं, बहुत है। आप बहुत अच्छे हैं अपने भावनाओं को व्यक्त करना और मदद मांगना कमजोरी की निशानी नहीं है। खुद को स्वीकार कीजिए।(Image Credit: Freepik)