New Update
ईशिता मालविया भारत की पहली सरफर है. उन्होने एक सर्फ क्लब शुरू किया है. ईशिता और उनके पार्ट्नर तुषार सरफिंग सीखते है. यह सर्फ क्लब कर्नाटका में है. ईशिता और महीलाओं को सरफिंग करते देखना चाहती है. भारत मे करीब १०० सरफर्स है किंतु औरतें नही. भारत में सरफिंग का स्पोर्ट अभी नया है. ईशिता का मानना है की अन्या खेलों की तरह इसे भी कुछ वक़्त लगे गा. लेकिन उनका सरफिंग कब एक शुरूरात है. वह कहती है की आम तौर पे लोग ऐसे अड्वेंचर स्पोर्ट नही सीखते. स्विम्मिंग से कुछ लोग खबराते है. औरतों के लिए ख़ास तौर पे सरफिंग को एक बोल्ड स्पोर्ट समझा जाता है. ईशिता उमीद करती है सरफिंग भारत में एक्सपॅंड करेगा और पॉपुलर होये गा.
२००७ में ईशिता मुंबई से मणिपाल गयी. कोस्टल कर्नाटका के ईस कॉलेज श्हरमें वह आगे की पढ़ाई के लिए आई. ईशिता यहाँ पर अपने बाय्फ्रेंड तुषार से मिली. तुषार कॅलिफॉर्निया से है आंड वहाँ उन्हे सरफिंग का शौक रहा था. तुषार और ईशिता एक साथ सरफिंग शुरू की, मणिपाल में एक समुंद्र किनारे गाओं मे.
तुषार और ईशिता के माता पिता इस बात के हक में नही थे की वह दोनो सरफिंग करें. लेकिन ईशिता को यकीन था की सरफिंग ही उसका लक्ष्या और पॅशन है. तुषार आंड ईशिता ने अपने बचाए हुए पैसों से एक सर्फ बोर्ड लिया और सरफिंग के लिए एक क्लब शुरू किया. यह क्लब उडुपी डिस्ट्रिक्ट में है और 'थे शका क्लब' के नाम से जाना जाता है.
ईशिता के लिए अपना यह सपना पूरा करना महत्वपूर्ण था. आज वह एक एंट्रेपरेणेउर है और इस क्लब के ज़रिए और लोगो को सरफिंग की शिक्षा देती है.