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बांदा में आई महिला एस पी, पुरुष सत्ता में मची ख़लल  

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Swati Bundela
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“आपकी कार्य शैली दर्शाती है की आप किस तरह का काम कर सकते हैं।“



बांदा जिले में हाल ही में नियुक्त हुई पुलीस एस पी शालिनी ने लिंग असमानता के सारे प्रश्नों को अपने इस एक वाक्य से नकार दिया।
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30 नवंबर 1984 में जन्मी शालिनी, बांदा जिले की दूसरी महिला एसपी हैं। 2011 के बैच की सफल आईपीएस अधिकारी बन, शालिनी ने शिक्षा में बीएड, एमए और एमफिल सब राजनीति शास्त्र से किया है।

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बुंदेलखंड में एक महिला का इतने बड़े पद पर आना एक महत्वपूर्ण बात है, और शालिनी इस बात से परिचित है। वे मानती हैं की पुलिस अधिकारी के काम को “पुरुष सत्ता पेशा माना जाता है”, पर उनका ये भी मानना है की ये “लोगों की मानसिकता” पर निर्भर है।



मूलतः दिल्ली की रहनी वाली शालिनी ने 6 जुलाई 2017 को बांदा जिले की कमान संभालीं हैं। यूपी में बढ़ते महिला हिंसा पर काम करना उनके लक्ष्यों में शामिल है। “महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराध आज हमारे लिए एक चुनौती है,” शालिनी ने कहा, पर साथ ही साथ इसे ये एक “प्राथमिकता” भी मानती हैं। “निश्चित रूप से महिला होने के नाते हम इनकी बात को बेहतर समझ सकते हैं, और हर ऐंग्ल से समझ सकतें हैं। और समझना चाहेंगे भी।”
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“मुझे हरतरफ से सहयोग और प्रोत्साहन मिला है। हालांकि यह छोटी बात नहीं है कि सभी पुरुषों के बीच एक महिला अपनी एक अलग जगह बनाने की कोशिश करे।"



महिला हिंसा में फेसबुक और सोशल मीडिया पर होने वाले हिंसा, महिलाओं को अश्लील गालियाँ, धमकियाँ आदि देना, को भी जोडती है शालिनी। “कानून में जो IPC 354 D ऐड हुआ है, वो इसलिए ही हुआ है की इस तरह की बढती हिंसा पर रोक लग सके।” उनका मानना है की सिर्फ एक महिला पुलिस अधिकारी होने के नाते ही नहीं बल्कि एक आम आदमी होने पर भी हमें महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में अपना सहयोग देना चाहिये। “जिस तेज़ी से महिला अपराध बढ़ रहे हैं उनको देखते हुए समाज के हर व्यक्ति का कर्तव्य है कि वो महिलाओं के हित के लिए काम करे।”
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महिला हिंसा में फेसबुक और सोशल मीडिया पर होने वाले हिंसा, महिलाओं को अश्लील गालियाँ, धमकियाँ आदि देना, को भी जोडती है शालिनी।



अब तक के अपने अनुभवों को अच्छा बताते हुए शालिनी कहती हैं, “मुझे हरतरफ से सहयोग और प्रोत्साहन मिला है। हालांकि यह छोटी बात नहीं है कि सभी पुरुषों के बीच एक महिला अपनी एक अलग जगह बनाने की कोशिश करे।” इसके लिए, शालिनी की निजी राय हर महिला के लिए है, “महिला होने के नाते अगर ज़्यादा सतर्कता और सहजता से काम करें, तभी समाज में मेसेज जाता है, की आप एक योग्य, सफल, अधिकारी हैं।”
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क्रेडिट : खबर लेहरिया 






 
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