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प्रज्ञान परमिता महंत, एक 12 साल की लड़की जो पढ़ सकती है, लिख सकती है वो भी आंखों पर पट्टी बाँधकर। कक्षा आठ की छात्रा, जिसने जापान के एक विशेष ब्रेन डेवलपमेंट ट्रेनिंग प्रोग्राम के माध्यम से यह कौशल सीखा है जिसे मिड ब्रेन एक्टिवेशन कहा जाता है।
अब, वह आश्चर्यजनक रूप से आंखों पर पट्टी बांधकर काम करती है।
प्रज्ञान के पिता बनबिहारी महंत, यहां जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) कार्यालय में एक लेखाकार हैं, उन्होंने कहा कि उनकी बेटी का मिड ब्रेन , ग्लोडेन की न्यू होराइज़न ब्रेन कंपनी की निदेशक तपेश्वर महंता जो भोड़ापसी गांव के निदेशक है उनके द्वारा दी गई स्पेशल ट्रेनिंग की मदद से एक्टिवटे हुआ है।
एक प्रोग्राम में ट्रेनिंग ने उसे आंखों पर पट्टी बांधकर पढ़ने और लिखने जैसी सभी गतिविधियां करने में सक्षम बनाया।
उसने कुछ महीनों के अंदर ऍनसीईआरटी की कक्षा VIII, IX और X के सभी सिलेबस को कवर कर लिया है। उसकी उपलब्धि को उसके स्कूल, सेंट जेवियर हाई स्कूल, कोन्झार द्वारा भी मान्यता दी गई है, जिसने सीबीएसई से विशेष अनुमति मांगी है ताकि प्रज्ञान को इस वर्ष बोर्ड परीक्षा में शामिल होने की अनुमति मिल सके। प्रज्ञान देश की सबसे युवा आईएएस अधिकारी बनने की इच्छा रखते हैं।
उसने कहा कि वह पहले ही स्पेनिश, फ्रेंच और जर्मन जैसी कई विदेशी भाषाओं को सीखना शुरू कर चुकी है। इस प्रतिभाशाली लड़की ने देश के अलग -अलग प्लेटफार्मों पर एक मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में भी प्रदर्शन किया है ।
अब, वह आश्चर्यजनक रूप से आंखों पर पट्टी बांधकर काम करती है।
प्रज्ञान परमिता महंत, एक 12 वर्षीय लड़की है जो पढ़ सकती है, लिख सकती है और आंखों पर पट्टी बाँधकर सब कुछ कर सकती है और वह देश की सबसे युवा आईऐएस अधिकारी बनने की इच्छा रखती है।
प्रज्ञान के पिता बनबिहारी महंत, यहां जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) कार्यालय में एक लेखाकार हैं, उन्होंने कहा कि उनकी बेटी का मिड ब्रेन , ग्लोडेन की न्यू होराइज़न ब्रेन कंपनी की निदेशक तपेश्वर महंता जो भोड़ापसी गांव के निदेशक है उनके द्वारा दी गई स्पेशल ट्रेनिंग की मदद से एक्टिवटे हुआ है।
एक प्रोग्राम में ट्रेनिंग ने उसे आंखों पर पट्टी बांधकर पढ़ने और लिखने जैसी सभी गतिविधियां करने में सक्षम बनाया।
प्रज्ञान ने जापान के एक स्पेशल ट्रेनिंग कोर्स ये हुनर सीखा है और उसके बाद वो आँखों पर पट्टी बाँधकर सब कुछ पढ़ -लिख सकती है ।
उसने कुछ महीनों के अंदर ऍनसीईआरटी की कक्षा VIII, IX और X के सभी सिलेबस को कवर कर लिया है। उसकी उपलब्धि को उसके स्कूल, सेंट जेवियर हाई स्कूल, कोन्झार द्वारा भी मान्यता दी गई है, जिसने सीबीएसई से विशेष अनुमति मांगी है ताकि प्रज्ञान को इस वर्ष बोर्ड परीक्षा में शामिल होने की अनुमति मिल सके। प्रज्ञान देश की सबसे युवा आईएएस अधिकारी बनने की इच्छा रखते हैं।
उसने कहा कि वह पहले ही स्पेनिश, फ्रेंच और जर्मन जैसी कई विदेशी भाषाओं को सीखना शुरू कर चुकी है। इस प्रतिभाशाली लड़की ने देश के अलग -अलग प्लेटफार्मों पर एक मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में भी प्रदर्शन किया है ।